Edited By Riya bawa,Updated: 27 May, 2020 03:35 PM

बिहार बोर्ड की ओर से मेट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है। इस बार परीक्षा में कुल 80.59 प्रतिशत छात्रों को सफलता मिली है। बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा में इस साल रोहतास के हिमाशु राज पिता सुभाष सिंह ने कुल 481 अंकों (96.20%) के साथ राज्य...
नई दिल्ली: बिहार बोर्ड की ओर से मेट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है। इस बार परीक्षा में कुल 80.59 प्रतिशत छात्रों को सफलता मिली है। बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा में इस साल रोहतास के हिमाशु राज पिता सुभाष सिंह ने कुल 481 अंकों (96.20%) के साथ राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया है। बिहार बोर्ड 10वीं परीक्षा 2020 में कुल 80.59 फीसदी छात्रों को सफलता मिली है। इस साल मैट्रिक परीक्षा में कुल 14,94,071 विद्यार्थी शामि हुए जिनमें 729213 छात्र और 7,64,858 छात्राएं थीं।
रोहतास के हिमांशु राज ने स्टेट टॉप किया है. लेकिन इस सभी टॉपर्स की असल जिन्दगी काफी संघर्ष भरी रही है। आइए जानते है टॉपर्स की संघर्ष से लेकर सफलता तक की दास्तां---
1. सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है टॉपर हिमांशु राज
स्टेट टॉपर हिमांशु राज बिहार टॉपर हिमांशु राज रोहतास जिले के नटवार कला गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता सुभाष सिंहउनके पिता सुभाष सिंह सब्जी बेचकर परिवार का खर्च चलाते हैं और उनकी मां मंजू सिंह गृहणी हैं। बता दें कि कभी कभी हिमांशु ने खुद भी सब्जी बेची है। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने की वजह से हिमांशु ने एक भी ट्यूशन नहीं लगा रखा था। वे खुद ही पढ़ाई करते थे। वे स्कूल से आने के बाद 6 से 7 घंटे पढ़ाई करते थे। हिमांशु कि बड़ी बहिन इंटर में पढ़ती है, आगे चलकर हिमांशु राज सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं।

2. किसान के बेटे हैं दुर्गेश
बिहार बोर्ड के दूसरी कक्षा के टॉपर दुर्गेश जिला समस्तीपुर के रहने वाले हैं। उसके चार भाई बहनों में दुर्गेश सबसे छोटे हैं। पिता ने कहा कि आर्थिक तंगी के बावजूद कभी भी बेटे को कमी नहीं होने दी। दुर्गेश ने बताया कि वे रोज़ाना 10 घंटे की पढ़ाई करते थे।
3. विज्ञान की पढ़ाई करना चाहते हैं शुभम
बिहार में तीसरे स्थान पर आने वाले शुभम कुमार को 478 नंबर मिले हैं उनके पिता मोटर पार्ट्स की दुकान चलाने वाले पिता और गृहिणी मां के बेटे शुभम 10वीं से आगे विज्ञान की पढ़ाई करना चाहते हैं। आरा के रहने वाले शुभम हरखेन ज्ञानस्थली विद्यालय के छात्र हैं। शुभम की एक छोटी बहन भी है जो फिलहाल आठवीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है। शुभम आगे चलकर भारतीय वायु सेना ज्वाइन करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि उनका पेपर काफी अच्छा गया था लेकिन उन्हें टॉप-3 में आने की उम्मीद नहीं।
