पर्वेज दमानीया द्वारा क्यूरेट की गई छह-दिवसीय प्रदर्शनी, 20 सितम्बर 2025 से पिरामल एनसीपीए गैलरी में शुरू

Updated: 09 Sep, 2025 02:46 PM

six day exhibition curated parvez damania

शिवदत्त दास आर्ट फाउंडेशन पेश करता है एंड्यूरिंग लेगेसीज़: एडिशन 1- टाइमलेस फ्रेम्स: फोटोग्राफिक जर्नी थ्रू इंडियन सिनेमा, जो श्री दामोदर कामत के अद्भुत कार्यों को उजागर करता है।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। शिवदत्त दास आर्ट फाउंडेशन पेश करता है एंड्यूरिंग लेगेसीज़: एडिशन 1- टाइमलेस फ्रेम्स: फोटोग्राफिक जर्नी थ्रू इंडियन सिनेमा, जो श्री दामोदर कामत के अद्भुत कार्यों को उजागर करता है वह अनसुना मराठी युवक जिसकी कैमरा दृष्टि ने भारतीय सिनेमा के दृश्य इतिहास को आकार दिया।

श्री दामोदर कामत के कालजयी फोटोग्राफ़्स को आम दर्शकों तक पहुँचाने के बारे में बोलते हुए अर्थशास्त्री और उद्योगपति शिवदत्त दास ने कहा, “मैं हमेशा मानता हूँ कि कला और संस्कृति किसी भी राष्ट्र की पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं। श्री दामोदर कामत, जो इस मिट्टी के गर्वित मराठी सपूत थे, लंबे समय तक अनसुने रहे, जबकि उन्होंने भारतीय सिनेमा और उसके दृश्य इतिहास में उल्लेखनीय योगदान दिया। शिवदत्त दास आर्ट फाउंडेशन के माध्यम से हमें यह सौभाग्य मिला है कि हम उनके असाधारण कार्यों को दुनिया के सामने लाएँ, ताकि उनकी कालजयी तस्वीरें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का दीपक बनी रहें।”

प्रदर्शनी को क्यूरेट करने के अनुभव पर बोलते हुए पर्वेज़ दमानीया ने कहा, “कामत फोटो फ्लैश और दामोदर कामत के विशाल कार्य को समझना और इस प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। उनकी तस्वीरें मात्र स्थिर छवियाँ नहीं हैं, बल्कि जीवित दस्तावेज़ हैं जो भारतीय सिनेमा की आत्मा को पकड़ते हैं, जिससे मैं हमेशा मोहित रहा हूँ। इस प्रदर्शनी के माध्यम से हमारा उद्देश्य दर्शकों को उस दौर में ले जाना है, जब हर फ्रेम एक कहानी कहता था, और सिनेमा के कुछ सबसे सुनहरे पलों का जश्न मनाना है।”

श्री दामोदर कामत ने केवल स्थिर तस्वीरें नहीं खींचीं, बल्कि उन्होंने भारत को सिनेमा देखना सिखाया। वर्षों तक उन्होंने राज कपूर, गुरु दत्त और बिमल रॉय जैसे दिग्गज निर्देशकों के साथ काम किया और शिल्प व गरिमा की एक विरासत रची।

आज, तीन लाख से अधिक नेगेटिव्स का यह अनमोल संग्रह उनकी तीसरी पीढ़ी—नेहा और अभिषेक कामत—के संरक्षण में है। वे कामत फोटो फ्लैश के माध्यम से डिजिटलीकरण और विद्वानों, फिल्मकारों तथा शोधकर्ताओं के साथ सहयोग द्वारा इस धरोहर को आगे बढ़ा रहे हैं। सभी तस्वीरें “Felix Schoeller TRUE Rag Smooth 310” जर्मन पेपर पर प्रिंट की गई हैं, जिसे दुनिया के सर्वोत्तम फोटो प्रिंटिंग पेपर में गिना जाता है।

भारतीय सिनेमा में उनके अभूतपूर्व योगदान के सम्मान में, यह छह-दिवसीय प्रदर्शनी दिलीप पिरामल आर्ट गैलरी, एनसीपीए, नरीमन पॉइंट, मुंबई में 20 से 25 सितम्बर 2025 तक आयोजित होगी। एनसीपीए न केवल एक प्रतिष्ठित पता है, बल्कि दिलीप पिरामल आर्ट गैलरी मुंबई में तस्वीरों की प्रदर्शनी के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थल है। इसे विशेष रूप से फ़ोटोग्राफ़ प्रदर्शनी के लिए ही बनाया गया है।

यह प्रदर्शनी केवल एक रेट्रोस्पेक्टिव नहीं है, बल्कि मुंबई की दृश्य धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास है। ये तस्वीरें दिखाती हैं कि भारतीय सिनेमा को कैसे वित्त पोषित किया गया, कैसे गढ़ा गया और अंततः कैसे कल्पित किया गया। स्टूडियो फ़ाइल से म्यूज़ियम की दीवार तक इन तस्वीरों की यात्रा—टाइमलेस फ्रेम्स: फोटोग्राफिक जर्नी थ्रू इंडियन फ़िल्म्स जनता को सांस्कृतिक इतिहास के एक महत्वपूर्ण हिस्से तक पहुंच प्रदान करती है, साथ ही उस मराठी शिल्पकार को सम्मानित करती है जिसकी दृष्टि ने राष्ट्र की सामूहिक स्मृति को आकार दिया।

उद्घाटन समारोह की शोभा महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री बढ़ाएँगे, साथ ही नगर के प्रतिष्ठित नेताओं तथा सांस्कृतिक और शैक्षणिक जगत के विशिष्ट सदस्यों की उपस्थिति होगी। भारतीय सिनेमा के आइकन जैसे रेखा जी, ज़ीनत अमान, अनिल कपूर, अजय देवगन और काजोल, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट भी श्री दामोदर कामत की विरासत को श्रद्धांजलि देने हेतु उपस्थित होंगे।

प्रदर्शनी में उमराव जान, मेरा नाम जोकर, प्यासा, संगम जैसी कई प्रतिष्ठित फिल्मों की कालजयी तस्वीरें प्रदर्शित की जाएँगी।

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