Teachers' Day: जब फिल्मों ने शिक्षक को बनाया नायक, बॉलीवुड के प्रभावशाली गुरुओं की झलक

Updated: 05 Sep, 2025 05:38 PM

teachers  day when films made teachers heroes

आइए नज़र डालते हैं कुछ बेहतरीन प्रस्तुतियों पर जहाँ अभिनेताओं ने शिक्षक की शक्ति को जीवंत कर दिया।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। शिक्षक हमारी ज़िंदगी को आकार देते हैं, पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं और ऐसे सबक छोड़ जाते हैं, जो हमारी स्कूली कक्षा की दीवारों से आगे हमें ले जाते हैं। हालांकि बॉलीवुड ने यादगार शिक्षकों को पर्दे पर उतारकर अक्सर इस जज़्बे का जश्न मनाया है, जिनमें कोई सख़्त तो कोई कोमल थे, लेकिन सभी प्रेरणादायक थे। फिलहाल शिक्षक दिवस के अवसर पर, आइए नज़र डालते हैं कुछ बेहतरीन प्रस्तुतियों पर जहाँ अभिनेताओं ने शिक्षक की शक्ति को जीवंत कर दिया।

विद्या बालन – शकुंतला देवी 
विद्या बालन ने शकुंतला देवी (2020) में न सिर्फ़ गणित की जीनियस के रूप में बल्कि एक ऐसी शिक्षिका के रूप में भी चमक बिखेरी, जो सबसे कठिन कॉन्सेप्ट्स को भी सरल और रोचक बना देती हैं। उनके किरदार ने सीखने की खुशी और शिक्षक-विद्यार्थी के रिश्ते को खूबसूरती से पेश किया।

अमिताभ बच्चन – ब्लैक 
संजय लीला भंसाली की ब्लैक में अमिताभ बच्चन ने देबराज सहाय का किरदार निभाया, जो एक बधिर और अंधी लड़की (रानी मुखर्जी) के मेंटर बने। यह प्रदर्शन आइकॉनिक माना जाता है — कठोर अनुशासन और गहरी संवेदनशीलता का मिश्रण, जिसने साबित किया कि मार्गदर्शन हर मुश्किल को पार कर सकता है।

शाहरुख़ ख़ान – मोहब्बतें 
मोहब्बतें में शाहरुख़ ख़ान का किरदार राज आर्यन मल्होत्रा हिंदी सिनेमा के सबसे प्यारे शिक्षक किरदारों में से एक बन गया। एक संगीत शिक्षक के रूप में, जिसने प्यार और आत्म-अभिव्यक्ति के सबक देकर सख़्त सत्ता को चुनौती दी, SRK ने “गुरु” की छवि को भावनात्मक और कूल दोनों बना दिया।

आमिर ख़ान – तारे ज़मीन पर 
तारे ज़मीन पर में आमिर ख़ान ने राम शंकर निकुंभ का किरदार निभाया, जो हर बच्चे का सपनों का शिक्षक है — संवेदनशील, मज़ेदार और अपनी पद्धति में क्रांतिकारी। उन्होंने सिर्फ़ कला ही नहीं सिखाई, बल्कि यह भी बताया कि हर बच्चे के मन को समझना और उसकी विशेषता को पोषित करना कितना ज़रूरी है।

रानी मुखर्जी – हिचकी 
हिचकी में रानी मुखर्जी ने नैना माथुर का किरदार निभाया, जो टॉरेट सिंड्रोम से जूझते हुए भी न अपने छात्रों को छोड़ा और न खुद को। उनका अभिनय प्रेरणादायक और भावुक दोनों था, जिसने दिखाया कि दृढ़ता से हर बाधा को तोड़ा जा सकता है।

सुष्मिता सेन – मैं हूँ ना 
मैं हूँ ना में रसायनशास्त्र की प्रोफेसर चांदनी के रूप में सुष्मिता सेन ने ऐसा जादू चलाया कि हर छात्र (और दर्शक!) क्लास अटेंड करने को बेताब हो गया। उन्होंने साबित किया कि शिक्षक स्टाइलिश और संवेदनशील दोनों हो सकते हैं।

नुसरत भरुचा – छलांग 
छलांग (2020) में नुसरत भरुचा ने कम्प्यूटर टीचर नीलिमा का किरदार निभाया था, जो पीटी टीचर राजकुमार राव के जीवन और करियर में प्रेरणा का स्रोत बनती हैं, जिससे वह अपनी ज़िंदगी और करियर को गम्भीरता से लें। उनका किरदार यह दर्शाता है कि एक शिक्षक केवल सख्त ही नहीं, बल्कि दोस्ताना और प्रेरणादायी भी हो सकता है।

बोमन ईरानी – 3 इडियट्स 
3 इडियट्स में बोमन ईरानी ने सख़्त और अजीबोगरीब प्रोफेसर वीरु सहस्त्रबुद्धी (वायरस) का किरदार निभाया। उनका यह अभिनय उस परंपरागत सत्तात्मक शिक्षक का प्रतीक था जिसे हममें से कई ने अपनी ज़िंदगी में देखा है — और इसीलिए वे बॉलीवुड के सबसे यादगार ऑन-स्क्रीन प्रोफेसर्स में से एक बन गए।

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