Review: रोंगटे खड़े कर देगी Sardar Udham, अतीत को पाएंगे अपनी आंखों के सामने मौजूद

Edited By Deepender Thakur,Updated: 16 Oct, 2021 12:32 PM

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निर्देशक शूजित सरकार की फिल्म ''सरदार उधम'' आपके रोंगटे खड़े कर देगी। यह फिल्म वीर स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम की बायोपिक है। यह कोई मनोरंजक फिल्म नहीं इसे शूजित ने किसी दस्तावेज की तरह बेहतरीन तरीके से पर्दे पर उतारा है।

फिल्म: सरदार उधम (Sardar Udham)
एक्टर: विक्की कौशल, शॉन स्कॉट, स्टीफन होगन, बनिता संधु, कर्स्टी एवर्टन, अमोल पाराशर
डायरेक्टर: शूजित सरकार
ओटीटी: अमेजन प्राइम
रेटिंग : 4* स्टार

ज्योत्सना रावत। निर्देशक शूजित सरकार की फिल्म 'सरदार उधम' आपके रोंगटे खड़े कर देगी। यह फिल्म वीर स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम की बायोपिक है। यह कोई मनोरंजक फिल्म नहीं इसे शूजित ने किसी दस्तावेज की तरह बेहतरीन तरीके से पर्दे पर उतारा है। फिल्म आपके अंदर देशभक्ति की ऐसी भावना पैदा करेगी कि आप खुद को कुरेदने लगेंगे कि आपके अंदर देश के लिए कितना प्यार है, गौरतलब है कि उस दौर में देश के क्रांतिकारियों में जो प्यार और जज्बा था वो हमने सिर्फ किताबों में पढ़ा औऱ सुना है। यह आपको इस फिल्म में देखने को मिलेगा। यह फिल्म देखने पर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि यह घटना कितनी भयावह थी।

फिल्म आज 16 अक्टूबर को अमेजन प्राइम पर रिलीज हो गई है। फिल्म सरदार उधम की जिंदगी की कहानी बताती है।जिसे जानना औऱ देखना बहुत जरूरी है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कई शहीदों को अभी न्याय और सम्मान नहीं मिला है और वह सिर्फ इतिहास के पन्नों में सिमट गए।

यह फिल्म रॉनी लाहिरी व शील कुमार द्वारा निर्मित और शूजीत सरकार द्वारा निर्देशित है। विक्की कौशल ने सरदार उधम के किरदार को पर्दे पर जिवंत कर दिखाया है। फिल्म में शॉन स्कॉट, स्टीफन होगन, बनिता संधू और क्रिस्टी एवर्टन भी अहम भूमिकाओं में हैं जबकि अमोल पाराशर स्पेशल अपीयरेंस में नजर आ रहे हैं। 

कहानी

फिल्म में उधम सिंह (विक्की कौशल) का शुरुआती सफर जेल से निकल कर रूस के रास्ते लंदन पहुंचते दिखाया गया है।जनरल डायर के इशारे पर अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार को सरदार उदम ने अपनी आंखों से देखा था और इसके बदले की आग उनके सीने में 20 साल तक सुलगती रही। फिल्म में 1900 से 1941 के दौर में भारत और लंदन जीवंत हो उठे हैं। उधम की जिंदगी छोटे-छोटे फ्लैशबैक में चलती है। जिसमें जलियांवाला बाग हत्याकांड और इस कांड से उधम का पर्सनल कनेक्शन व भगत सिंह के साथ उनकी दोस्ती और उनके निजी जीवन के कुछ पल शामिल हैं।

विक्की के कई दमदार डायलॉग है। उधम सिंह का वकील जब उनसे पूछता है कि क्या वह इस आखिरी वक्त में उनके लिए कुछ कर सकते हैं, इस पर उधम जवाब देते हैं कि मुझे एक खूनी के रूप में नहीं क्रांतिकारी के रूप में याद किया जाए। 

एक्टिंग

विक्की कौशल की मेहनत साफ दिखाई दे रही है। उनके हावभाावउ और डायलॉग सबकुछ बेहतरीन है। किसी भी सीन में कहीं कोई कमी नहीं लगती। वहीं माइकल ओ ड्वायर बने शॉन स्कॉट और उधम के वकील का किरदार निभा रहे स्टीफन होगन ने भी अपने किरदार के साथ न्यान किया है। इनके अलावा अमोल पाराशर ने भी शहीद भगत सिंह के किरदार में अच्छा काम किया है।

डायरेक्शन

फिल्म की रफ्तार धीमी है और इसकी कहानी में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं है। यह पौने तीन घंटे की है और यह कोई मसाला फिल्म नहीं है। इसके एक - एक सीन में आपको शूजित की मेहनत दिखाई देगी। इमारतें हो, सड़कें हों, सभा भवन हों या किरदारों के कपड़े सबकुछ आप अतीत को अपनी आंखों के सामने मौजूद पाएंगे।

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