Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jan, 2020 08:44 AM
अनुसंधानकर्त्ताओं ने एक ऐसी नई मशीन विकसित की है जो मनुष्यों के जख्मी यकृत (लिवर) का इलाज कर सकती है और उन्हें एक सप्ताह तक शरीर के बाहर भी जिंदा रख सकती है। इस अनुसंधान से प्रतिरोपण के लिए उपलब्ध मानव अंगों की संख्या बढ़ सकती है। स्विट्जरलैंड में...
लंदन: अनुसंधानकर्त्ताओं ने एक ऐसी नई मशीन विकसित की है जो मनुष्यों के जख्मी यकृत (लिवर) का इलाज कर सकती है और उन्हें एक सप्ताह तक शरीर के बाहर भी जिंदा रख सकती है। इस अनुसंधान से प्रतिरोपण के लिए उपलब्ध मानव अंगों की संख्या बढ़ सकती है। स्विट्जरलैंड में ई.टी.एच. ज्यूरिख समेत अनुसंधानकर्त्ताओं के अनुसार, जख्मी यकृत नई प्रौद्योगिकी के सहयोग से कई दिनों तक पूरी तरह से काम कर सकते हैं। साथ ही उनमें यकृत बीमारी या कैंसर से पीड़ित मरीजों की जान बचाने की क्षमता भी है।
पत्रिका नेचर बायोटैक्नोलॉजी में छपे अनुसंधान में इस मशीन को जटिल ‘परफ्यूजन’ प्रणाली बताया गया है जो यकृत के कामों की नकल करती है। ई.टी.एच. ज्यूरिख के सह-लेखक पियरे एलें क्लेवें ने कहा, ‘‘सर्जनों, जीव विज्ञानियों और इंजीरियरों के एक समूह की 4 साल की मेहनत के बाद बनी अनोखी परफ्यूजन प्रणाली की सफलता ने प्रतिरोपण में कई नए अनुप्रयोगों का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।’’