Edited By Shubham Anand,Updated: 14 Oct, 2025 07:55 PM

ZOHO के Arattai ऐप के बाद अब स्वदेशी मैप ऐप Mappls को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रमोट किया है। इसके बाद इसके शेयरों में 10% की बढ़त दर्ज की गई। Mappls का खास फीचर Immobiliser कार चोरी रोकने में मदद करता है। यह फीचर यूजर को रिमोटली अपनी कार...
नेशनल डेस्क : ZOHO के मैसेजिंग ऐप Arattai के बाद अब स्वदेशी मैपिंग सेवा Mappls को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा प्रमोट किए जाने के बाद इसके शेयरों में तेजी आई है। हालांकि शेयरों की चर्चा अलग है, पर Mappls में एक ऐसा सुरक्षा-फीचर भी मौजूद है जो कार चोरों से बचाने में मदद कर सकता है
Mappls में Immobiliser फीचर
Mappls ऐप में दिए गए Immobliser फीचर की मदद से यूज़र अपने वाहन के इंजन को रिमोटली बंद कर सकते हैं। इसके लिए उपयोगकर्ता को ऐप या कनेक्टेड डिवाइस पर पासवर्ड या OTP दर्ज करना होता है। इससे वाहन का ईंधन सप्लाई और स्टार्टर सिस्टम ब्लॉक हो जाते हैं और इंजन ऑन नहीं होता।
MapMyIndia का योगदान
Mappls को MapMyIndia ब्रांड द्वारा विकसित किया गया है। MapMyIndia पहले से ही GPS-आधारित कार ट्रैकर और लोकेशन-सर्विस प्रोविडर के रूप में जाना जाता है। कंपनी के अनेक ट्रैकर्स में चोरी रोकने और रिमोट-कंट्रोल जैसी सेवाएँ पूर्व से उपलब्ध हैं और ये Mappls ऐप के साथ कम्पैटिबल भी हैं।
इम्मोबिलाइजर कैसे काम करता है
आधुनिक कारों में इम्मोबिलाइजर सिस्टम होता है, जिसमें चाबी के अंदर ट्रांस्पोंडर चिप रहती है। यह चिप ECU (इंजन कंट्रोल यूनिट) को एक कोड भेजती है; यदि ECU कोड मान्य पाता है तभी इंजन स्टार्टिंग की अनुमति मिलती है। गलत या अनुपस्थित कोड होने पर ECU ईंधन सप्लाई रोक देता है और इंजन चालू नहीं होता। Mappls-कम्पैटिबल GPS ट्रैकर इसी इम्मोबिलाइजर को रिमोट कमांड भेजकर वाहन को सुरक्षित रख सकता है।
इंस्टॉलेशन और उपयोग
Mappls की Immobiliser-सुविधा इस्तेमाल करने के लिए वाहन में GPS ट्रैकर इंस्टॉल करवाना आवश्यक है। एक बार सेटअप होने पर ऐप से वाहन की लोकेशन, इंजन स्टेटस और अलर्ट्स की लाइव जानकारी मिलती है। यदि कोई चोर भागकर गाड़ी चालू करने की कोशिश करता है, तो मालिक के मोबाइल पर तुरंत नोटिफिकेशन आ जाता है और आवश्यक होने पर वे रिमोटली इंजन बंद कर सकते हैं।
री-एक्टिवेशन की सुविधा
अगर मालिक ने किसी कारणवश रिमोटली इंजन ऑफ किया था और बाद में गाड़ी सुरक्षित मिल जाती है, तो ऐप के माध्यम से री-एक्टिवेशन (engine re-enable) किया जा सकता है। री-एक्टिवेशन के बाद ही वाहन को पुनः चलाया जा सकेगा, जिससे सुरक्षा और नियंत्रण सुनिश्चित होता है।