कंपनियां किसानों के खेतों से सीधे खरीदेंगी सब्जियां व अन्य उत्पाद

Edited By Updated: 01 Dec, 2021 06:08 AM

will buy vegetables and other products directly from the fields

20 एफपीओ के 29 कंपनियों से एमओयू

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी)-हरियाणा के मु यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें व्यापार एवं बाजार के प्रति आकर्षित करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि प्रदेश में हर हाथ को काम मिल सके और उनकी आमदनी दोगुनी हो सके। मु यमंत्री आज यहां कृषि क्षेत्र निवेशकों एवं किसान उत्पादक संगठनों के बीच समझौता हस्ताक्षर समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह आयोजित यह सुनहरा कार्यक्रम है जिसमें किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से सीधे लाभ देने के लिए 29 समझौते किए गए हैं । इनमें चौ. चरण सिहं कृषि विश्वविद्यालय हिसार से जुड़ा हुआ एमओयू भी शामिल है जिसके तहत कृषि विद्यार्थी इन्टर्नशिप भी कर सकेंगे। ऐसे कदम नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने में कारगर भूमिका निभाएंगे। उन्होंने फुड प्रोसेसिंग में आगे आने वाली कंपनियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब खरीददारों को भी लाभ मिलेगा और बाजार में कीमतें भी कम होगी। उन्होंने कृषि क्षेत्र के निवेशकों एवं एफपीओ से आग्रह किया कि वे मु यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना के तहत रोजगार देने में प्रदेश में एक लाख से कम आय वाले परिवारों को प्राथमिकता दें। ऐसा करने से उन्हें आत्मसंतुष्ठि के साथ साथ पुण्य का फल भी मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के 500 प्रगतिशील किसानों से छोटे किसानों को फसल विविधिकरण का प्रशिक्षण देने को कहा।

कृषि उपयोगी हो रहे कार्य

उन्होंने कहा कि हरियाणा एफ.पी.ओ. के गठन में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है। ये कृषि को उपयोगी बनाने के लिए भी कार्य कर रहे हैं। इससे आर्थिक तौर पर मूल्यांकन होगा और छोटे किसानों को भरपूर लाभ मिलेगा। एफपीओ किसानों के उत्पादन, बिक्री, गुणवता, पैकिंग, प्रोसेसिंग आदि में सुधार करेंगे। एफ.पी.ओ. का उदेश्य किसानों को एकत्रित करके, उनके उत्पादन का उनको अधिक से अधिक मूल्य प्रदान कराना है। 

फल, सब्जियां, मसालें व शहद सीधे तौर पर खरीदेंगी कंपनियां 

उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों  (एफ.पी.ओ.) को मजबूत बनाने के उदेश्य से यह कंपनियां प्रदेश के एफ.पी.ओ. को सीधे तौर पर बाजार से जोड़ेंगी। उन्हें अपने उत्पाद मंडी व अन्य स्थानों पर बेचने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कंपनियां सीधे खेत से फल, सब्जियां व शहद की खरीद करेगी, ताकि किसान उत्पादक संगठनों को अधिक मजबूती प्रदान की जा सके जिसके तहत एफ.पी.ओ. को भी अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल पाएगा। एफ.पी.ओ. का सीधे कंपनियों से संपर्क होने के कारण एफ.पी.ओ. से फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी और मूल्य संवर्धन से आय में बढ़ोतरी होगी। अक्सर किसानों को बाजार में उचित भाव व व्यवस्थित बाजारीकरण के अभाव से फसल को लंबे समय तक रखने से उसके नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है। किसानों के उत्पादन बढ़ाने एवं बाजार उपलब्ध करवाने के लिए गन्नौर में बागवानी मंडी, पिंजौर में सेब मंडी, सोनीपत में मसाला मंडी तथा गुरूग्राम में फूल मंडी बनाई जा रही हैं । इसके अलावा एनसीआर क्षेत्र के किसानों को पेरी अर्बन खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।

बागवानी फसलें भी खरीदी जाएंगी

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि एमओयू हस्ताक्षर होने से एफ.पी.ओ. को कंपनियों से सीधे तौर पर जोड़ा गया है। एम.ओ.यू. के तहत लगभग 60 हजार टन बागवानी फसलें खरीदी जाएंगी। ये एमओयू किसानों की प्रगति को नई दिशा की ओर ले जाएगें तथा ऐसी मार्केटिंग से किसान खुशहाल और समृद्व होगें। राज्य में 599 एफ.पी.ओ का गठन हो चुका है और इन किसान उत्पादक कंपनियों के साथ 77,985 से भी अधिक किसानों को जोड़ा जा चुका है। नई एफ.पी.ओ. नीति के अंतर्गत वर्ष 2022 तक  एफपीओ गठन के लक्ष्य को 1000 तक पहुंचाने के प्रयास किये जायेगें। इन संगठनों से प्रदेश के 16 लाख किसानों को जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त मु य सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग सुमिता मिश्रा, एम.डी. सफैक डॉ. अर्जुन सिंह सैनी सहित एफपीओ, क पनी प्रतिनिधि एवं कृषि निवेशक उपस्थित रहे।

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