गर्भ में अपने ही दिल से खेल रही थी बच्ची, जन्म के बाद हुआ चमत्कार (pics)

Edited By Tanuja,Updated: 16 Feb, 2019 03:06 PM

a baby born with her heart outside will go home after 9 months

मैडीकल जगत का एक हैरान करने वाला मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना बेशक 2 साल पहले की है लेकिन इसके फिर से वायरल होने की एक खास वजह है...

लंदनः मैडीकल जगत का एक हैरान करने वाला मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना बेशक 2 साल पहले की है लेकिन इसके फिर से वायरल होने की एक खास वजह है। सोल साल पहले इंग्लैंड में एक गर्भवती महिला रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंची। जब डॉक्टरों ने महिला के पेट का स्कैन किया तो उन्हें एक अजीब सी चीज दिखाई दी। उस अजीब सी चीज को जब डॉक्टरों ने ध्यान से देखा तो उनके भी होश उड़ गए।
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दरअसल, नाओमी फिंडले नामक महिला ने साल 2017 में एक ऐसी बच्ची को जन्म दिया था, जिसका दिल उसके सीने के बाहर धड़क रहा था। डिलीवरी से पहले जब डॉक्टरों ने महिला का अल्ट्रासाउंड किया था तो वो गर्भ में मौजूद बच्ची को अपने दिल के साथ खेलते देख हैरान रह गए थे। पहले तो डॉक्टरों को ये समझ नहीं आया कि आखिर वो चीज थी क्या, लेकिन जब गहराई से इसकी जांच की गई तो पता चला कि बच्ची के सीने के बाहर जो चीज दिख रही थी, वो उसका दिल था।

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डॉक्टरों ने पहले ही महिला को बता दिया था कि उनकी बेटी का दिल उसके सीने के बाहर है और उसके जीने की संभावना बेहद कम है। हालांकि 50 डॉक्टरों की एक टीम की देखरेख में महिला की डिलीवरी कराई गई और आखिरकार वो चमत्कार हो गया, जिसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी। बच्ची को मौत के मुंह से बचा लिया गया।ब्रिटेन में इस गंभीर समस्या के साथ पैदा होने के बाद जिंदा बच जाने वाली ये पहली बच्ची है। हालांकि अब डॉक्टरों के सामने सबसे बड़ी समस्या थी बच्ची के दिल को उसके शरीर के अंदर डालना, क्योंकि जन्म के वक्त बच्ची बेहद ही कमजोर थी। उसका वजन महज 1.5 किलोग्राम के आसपास था, लेकिन डॉक्टरों में इसमें भी सफलता हासिल की।

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डॉक्टरों ने बच्ची के सीने में जगह बनाकर उसका दिल अंदर डाल दिया। इसके लिए पहले डॉक्टरों ने बच्ची के सीने को चीरकर वहां जगह बनाई, फिर अगले दो हफ्तों में बच्ची का दिल अपने आप ही शरीर के अंदर जाकर बैठ गया। इसके बाद डॉक्टरों ने उसके ऊपर एक रक्षात्मक ढाल बना दी और फिर खाली जगह को त्वचा के जरिए भर दिया।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्ची का दिल उसके शरीर के अंदर डालने के बाद एक साल से ऊपर उसका इलाज चला। अब वो खतरे से बाहर है और उसका वजन भी 1.5 किलो से 8 किलोग्राम हो गया है। डॉक्टरों ने बच्ची को उसके घर भेज दिया है, लेकिन अभी भी उसे जीने के लिए ऑक्सीजन और ढेर सारी दवाईयों की जरूरत पड़ती है।

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