अब खून की एक बूंद से पकड़ा जाएगा अल्ज़ाइमर, अमेरिका ने पहले ब्लड टेस्ट को दी मंजूरी

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 20 May, 2025 01:15 PM

alzheimer s blood test approved in us

अल्जाइमर रोग का शुरुआती चरण में पता लगाने के लिए अमेरिका ने अपने पहले रक्त परीक्षण को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण कदम से इस विनाशकारी न्यूरोलॉजिकल बीमारी से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगी है।

इंटरनेशनल डेस्क। अल्जाइमर रोग का शुरुआती चरण में पता लगाने के लिए अमेरिका ने अपने पहले रक्त परीक्षण को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण कदम से इस विनाशकारी न्यूरोलॉजिकल बीमारी से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगी है।

अल्जाइमर मनोभ्रंश का सबसे आम प्रकार है जिसमें व्यक्ति का मस्तिष्क उम्र बढ़ने के साथ सिकुड़ने लगता है। यह मस्तिष्क विकार याददाश्त और संज्ञानात्मक कौशल को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। इस बीमारी के लक्षण समय के साथ बिगड़ते जाते हैं। माना जाता है कि यह बीमारी मस्तिष्क में दो प्रकार के प्रोटीन – एमिलॉयड प्लेक और टाऊ प्लेक – की मौजूदगी के कारण होती है।

इलाज नहीं, पर प्रगति धीमी करने वाली दवाएं मौजूद

फिलहाल अल्जाइमर का कोई पूर्ण इलाज नहीं है लेकिन ऐसी कुछ दवाइयां हैं जिन्हें बीमारी की प्रगति को धीमा करने के लिए मंजूरी दी गई है। फुजिरेबियो डायग्नोस्टिक्स द्वारा विकसित नया रक्त परीक्षण रक्त में इन्हीं दो विशिष्ट प्रोटीनों के अनुपात को मापकर काम करता है।

पुराने तरीकों से सस्ता और आसान

अब तक इन प्लेक की पहचान केवल महंगे पीईटी स्कैन या शरीर में चीरा लगाकर किए जाने वाले स्पाइनल फ्लूइड टेस्ट (रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ की जांच) के माध्यम से ही की जा सकती थी। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने शुक्रवार को इस रक्त परीक्षण को मंजूरी की घोषणा की जिसे विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह रोग के निदान और प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

 

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FDA आयुक्त ने जताई उम्मीद

FDA आयुक्त डॉ. मार्टी मकेरी ने कहा, "अल्जाइमर रोग स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से भी अधिक लोगों को प्रभावित करता है।" उन्होंने आगे कहा, "यह जानते हुए कि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के 10% लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और 2050 तक यह संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है मुझे आशा है कि इस तरह के नए चिकित्सा उत्पाद रोगियों की मदद करेंगे।"

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जल्दी पता लगने से बेहतर इलाज संभव

यह नया रक्त परीक्षण एक स्वतंत्र नैदानिक ​​उपकरण नहीं है बल्कि इसे उन रोगियों के लिए नैदानिक ​​सेटिंग्स में उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है जिनमें पहले से ही संज्ञानात्मक गिरावट के लक्षण दिख रहे हैं। लेकिन यह रोग की जांच के लिए एक सरल और अधिक सुलभ विधि का वादा करता है जिससे डॉक्टरों को अल्जाइमर की पहले ही पुष्टि करने और सबसे प्रभावी होने पर उपचार शुरू करने में मदद मिल सकती है।

वर्तमान में FDA द्वारा अनुमोदित दो दवाएं हैं लेकेनेमैब और डोनानेमैब जो अल्जाइमर से जुड़े एमिलॉयड प्लेक को लक्षित करती हैं। हालांकि ये उपचार बीमारी को पूरी तरह ठीक नहीं करते लेकिन इनसे पता चला है कि ये बीमारी के बढ़ने की गति को थोड़ा धीमा कर सकते हैं खासकर जब इन्हें समय पर शुरू किया जाए। इसलिए समय पर निदान बहुत ज़रूरी है। न्यूरोलॉजिस्ट और अल्जाइमर के समर्थकों का कहना है कि रक्त परीक्षण से रोगियों को उपचार मिलने में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिल सकती है।

FDA के सेंटर फॉर डिवाइसेज एंड रेडियोलॉजिकल हेल्थ की डॉ. मिशेल टार्वर ने कहा, "आज की मंजूरी अल्जाइमर के निदान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे रोग के शुरुआती दौर में अमेरिकी रोगियों के लिए प्रक्रिया आसान और संभावित रूप से अधिक सुलभ हो जाती है।"

विश्वसनीय और कम आक्रामक परीक्षण

नैदानिक ​​अध्ययनों में इस रक्त परीक्षण का प्रदर्शन पीईटी स्कैन और स्पाइनल टैप जैसे अधिक पारंपरिक नैदानिक ​​उपकरणों के समान ही विश्वसनीय पाया गया। अध्ययन में नए रक्त परीक्षण ने 100 में से 92 लोगों में अल्जाइमर के लक्षण सही ढंग से दर्शाए जिनमें यह बीमारी थी और 100 में से 97 लोगों में अल्जाइमर के कोई लक्षण नहीं दर्शाए जिनमें यह बीमारी नहीं थी। केवल कुछ ही लोगों को यानी 5 में से 1 से भी कम लोगों को परीक्षण के परिणाम अस्पष्ट मिले।

इसका मतलब यह है कि रक्त परीक्षण यह पता लगाने में काफी सटीक है कि किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में अल्जाइमर से जुड़े शुरुआती बदलाव हैं या नहीं खासकर उन लोगों में जिनमें पहले से ही याददाश्त संबंधी समस्याएं हैं। हालांकि FDA रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस परीक्षण का उपयोग केवल अस्पतालों या क्लीनिकों में किया जाना चाहिए जहां विशेषज्ञ याददाश्त संबंधी समस्याओं की जांच कर सकते हैं और इसका उपयोग हमेशा रोगी से प्राप्त अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के साथ ही किया जाना चाहिए।

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इस परीक्षण का एक संभावित जोखिम यह है कि यह कभी-कभी गलत परिणाम दे सकता है या तो यह कह सकता है कि व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षण हैं जबकि वास्तव में नहीं होते (गलत सकारात्मक) या रोग का पता ही नहीं चल पाता जबकि वास्तव में वह मौजूद होता है (गलत नकारात्मक)।

भविष्य की राह

अल्ज़ाइमर धीरे-धीरे याददाश्त, निर्णय लेने की क्षमता और अंततः व्यक्ति की स्वतंत्रता को नष्ट कर देता है। जैसे-जैसे वैश्विक जनसंख्या वृद्ध होती जाएगी इस रोग से प्रभावित लोगों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि होने का अनुमान है। यह रक्त परीक्षण देरी से होने वाले निदान के कारण होने वाले भावनात्मक और वित्तीय नुकसान को कम करने में भी मदद कर सकता है जिसका अनुभव कई परिवारों को तब होता है जब लक्षणों को सामान्य उम्र बढ़ने के लक्षण मान लिया जाता है या फिर उन पर ध्यान नहीं दिया जाता। 

विशेषज्ञों का कहना है कि यद्यपि यह परीक्षण अभी व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है लेकिन FDA की मंजूरी से देश भर के अस्पतालों और क्लीनिकों में इसे व्यापक रूप से अपनाने का रास्ता खुल गया है जिससे इस बीमारी से लड़ने में एक नई क्रांति आ सकती है।

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