कनाडा का ऐतिहासिक फैसला: गाजा युद्ध के बीच फिलीस्तीन को मान्यता का ऐलान, ट्रंप बोले- यह तो आतंकवाद को ईनाम !

Edited By Updated: 31 Jul, 2025 01:04 PM

canada will recognise palestinian state at un general assembly carney

गाजा में इजराइल के भीषण हमलों और हजारों फिलीस्तीनियों की मौत के बीच कनाडा ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। कनाडा के प्रधानमंत्री  मार्क कार्नी ने बुधवार को घोषणा की कि...

International Desk: गाजा में इजराइल के भीषण हमलों और हजारों फिलीस्तीनियों की मौत के बीच कनाडा ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। कनाडा के प्रधानमंत्री  मार्क कार्नी ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी सरकार फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देगी। कार्नी ने कहा कि यह मान्यता संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र  में सितंबर 2025 में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कनाडा हमेशा चाहता था कि इजराइल और फिलीस्तीन के बीच आपसी बातचीत से दो-राष्ट्र समाधान  निकले, लेकिन अब यह तरीका संभव नहीं लग रहा है। कनाडा से पहले इसी महीने ब्रिटेन और फ्रांस  ने भी फिलीस्तीन को मान्यता देने का ऐलान किया है। इन तीनों देशों का मानना है कि इससे गाजा में हिंसा और वेस्ट बैंक में अवैध बस्तियों को रोका जा सकेगा और शांति के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
 

प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा कि यह मान्यता कुछ शर्तों पर आधारित होगी। इसमें फिलीस्तीनी प्रशासन और राष्ट्रपति  महमूद अब्बास द्वारा जरूरी सुधार करना, 2026 में आम चुनाव कराना और हामास को भविष्य में किसी भी तरह की भूमिका से बाहर रखना शामिल है। उन्होंने साफ किया कि हामास को किसी भी सूरत में भविष्य में फिलीस्तीन की सरकार या चुनाव में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। कई जानकार मानते हैं कि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठ सकते हैं, लेकिन कनाडा का कहना है कि आतंक और हिंसा को समर्थन नहीं दिया जा सकता। कार्नी ने कहा, “दो-राष्ट्र समाधान को जिंदा रखना जरूरी है। हमें हर उस इंसान के साथ खड़ा होना होगा जो आतंक और हिंसा के बजाय शांति चाहता है।” दूसरी तरफ अमेरिका ने कनाडा, ब्रिटेन और फ्रांस के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है। अमेरिका, जो इजराइल का सबसे बड़ा सहयोगी है, का कहना है कि फिलीस्तीन को मान्यता देना दरअसल हामास को इनाम देना है ।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ऐलान पर भी तंज कसते हुए कहा,  “उनके कहने से कुछ नहीं बदलने वाला।”  उन्होंने ब्रिटेन के कदम पर भी कहा कि यह फैसला सही नहीं है और यह मुद्दा हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री  किअर स्टार्मर से हुई बैठक में भी नहीं उठा था।ट्रंप ने कहा, *“अगर आप ऐसा करते हैं तो आप आंतकी हमास को इनाम दे रहे हैं। मैं इस सोच के खिलाफ हूं।”  गौरतलब है कि इजराइल ने अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के जवाब में गाजा पर बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया था। इसमें अब तक 60 हजार से ज्यादा फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं और पूरा गाजा पट्टी बर्बाद हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार समूहों ने इजराइल पर नरसंहार के आरोप लगाए हैं।

 

कनाडा ने पिछले साल इजराइल को नए हथियार निर्यात पर रोक लगाने का ऐलान किया था। लेकिन हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि कनाडा से अभी भी हथियार इजराइल भेजे जा रहे हैं। इसके बाद कनाडा सरकार पर झूठ बोलने के आरोप लगे हैं।कनाडा की मुस्लिम काउंसिल ने प्रधानमंत्री कार्नी के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने कहा कि सिर्फ फिलीस्तीन को मान्यता देना काफी नहीं है। उन्होंने मांग की कि इजराइल पर और सख्त प्रतिबंध लगाए जाएं और सभी हथियार सौदों को तुरंत रद्द किया जाए।
 

 


 

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