ट्रंप की चेतावनी- जरूरत पड़ी तो सेना उतार दूंगा, लागू होगा 'इंसरेक्शन एक्ट'

Edited By Updated: 07 Oct, 2025 07:56 PM

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे देश के कुछ शहरों में सेना तैनात करने के लिए इंसरेक्शन एक्ट लागू कर सकते हैं। यह कानून राष्ट्रपति को आपात स्थिति में सेना भेजने की अनुमति देता है। ट्रंप के बयान से व्हाइट हाउस और...

इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह देश के कुछ शहरों में सेना भेजने के लिए “इंसरेक्शन एक्ट” (Anti-Insurrection Law) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कानून के ज़रिए राष्ट्रपति को आपात स्थिति में सेना को देश के भीतर तैनात करने की अनुमति मिलती है। ट्रंप के इस बयान के बाद व्हाइट हाउस और डेमोक्रेटिक-शासित शहरों के बीच कानूनी टकराव और तेज़ हो गया है।

क्या कहा ट्रंप ने
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “हमारे पास इंसरेक्शन एक्ट किसी कारण से है। अगर लोग मारे जा रहे हों और अदालतें या राज्यपाल हमें रोक रहे हों, तो मैं इसका इस्तेमाल ज़रूर करूंगा।” यह कानून लगभग 200 साल पुराना है और अब तक सिर्फ बेहद गंभीर हालात में इस्तेमाल किया गया है। इसे आखिरी बार साल 1992 में राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश ने लॉस एंजेलिस दंगों के दौरान लागू किया था।

ट्रंप की बड़ी योजना
ट्रंप ने हाल ही में सेना को शिकागो और पोर्टलैंड जैसे डेमोक्रेटिक शहरों में तैनात करने का आदेश दिया है। इससे पहले वह लॉस एंजेलिस और वॉशिंगटन डीसी में भी नेशनल गार्ड भेज चुके हैं। उन्होंने सेना से कहा था कि अमेरिकी शहरों को “ट्रेनिंग ग्राउंड” यानी अभ्यास स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर ट्रंप वास्तव में इंसरेक्शन एक्ट लागू करते हैं, तो यह राष्ट्रपति की सत्ताओं का असाधारण इस्तेमाल माना जाएगा क्योंकि आम तौर पर सेना तभी तैनात की जाती है जब राज्यपाल खुद इसकी मांग करते हैं।

स्थानीय सरकारों का विरोध
डेमोक्रेटिक नेताओं का कहना है कि ट्रंप के दावे हकीकत से दूर हैं। शिकागो और पोर्टलैंड में ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन ज़रूर हुए, लेकिन वे ज़्यादातर शांतिपूर्ण रहे। स्थानीय आंकड़ों के मुताबिक, इन शहरों में इस साल हिंसक अपराधों में कमी आई है। हालांकि, सप्ताहांत में प्रदर्शनकारियों और फेडरल एजेंट्स के बीच झड़पें बढ़ गईं, क्योंकि एजेंट्स ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए टीयर गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया।

“राजनीतिक मकसद से कर रहे हैं तैनाती” – गवर्नर का आरोप
इलिनॉय के गवर्नर जेपी प्रिट्जकर (डेमोक्रेट) ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर शिकागो में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सेना भेजने का बहाना मिल सके। उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप हमारे सैनिकों को राजनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि देश के शहरों को सैन्य रूप से नियंत्रित किया जा सके।”

अदालतों में पहुंचा मामला
इलिनॉय राज्य और शिकागो शहर ने सोमवार को ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उनका मकसद है — 300 इलिनॉय गार्ड सैनिकों को “फेडरलाइज” करने और 400 टेक्सास गार्ड सैनिकों को शिकागो भेजने के आदेश को रोकना। न्याय विभाग के वकीलों ने अदालत में कहा कि टेक्सास के सैनिक पहले ही रास्ते में हैं। जज एप्रिल पेरी ने फिलहाल इस तैनाती को नहीं रोका, लेकिन केंद्र सरकार को बुधवार तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसी बीच, ओरेगन की एक संघीय अदालत ने रविवार को आदेश दिया कि पोर्टलैंड शहर में नेशनल गार्ड की तैनाती पर फिलहाल रोक लगाई जाए।

क्या है इंसरेक्शन एक्ट?
यह कानून राष्ट्रपति को आपात स्थिति में देश के भीतर सेना तैनात करने की शक्ति देता है। सामान्य परिस्थितियों में “पॉसी कोमिटस एक्ट” (Posse Comitatus Act) सेना को घरेलू कानून लागू करने से रोकता है। लेकिन इंसरेक्शन ऐक्ट इस नियम का अपवाद है  यानी राष्ट्रपति चाहें तो सेना को नागरिक इलाकों में भेज सकते हैं। ट्रंप का यह कदम अमेरिकी राजनीति में कानूनी और संवैधानिक बहस को और गहरा कर सकता है, क्योंकि अब मामला संघीय सत्ता बनाम राज्यों की स्वतंत्रता का रूप ले चुका है।

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