कोरोना के बीच पाकिस्तान में कट्टरपंथी मौलाना के जनाजे में उमड़े लाखों लोग,संक्रमण का खतरा बढ़ा(Pics)

Edited By Tanuja,Updated: 22 Nov, 2020 12:22 PM

huge crowd gathers for pakistani firebrand cleric s funeral

कोरोना महामारी के भयकंर प्रकोप के बीच शनिवार को पाकिस्तान के लाहौर में एक कट्टरपंथी मौलाना खादिम हुसैन रिजवी (54) की मौत का शोक मनाने के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतर आए...

पेशावरः कोरोना महामारी के भयकंर प्रकोप के बीच शनिवार को पाकिस्तान के लाहौर में एक कट्टरपंथी मौलाना खादिम हुसैन रिजवी (54) की मौत का शोक मनाने के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतर आए। ये मजमा लाहौर में देखने को मिला जबकि कोरोना वायरस के चलते पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने भीड़ के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा रखा है । पाकिस्तान के फायर ब्रांड नेता और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी के अंतिम संस्कार में शनिवार को कोरोना संक्रमण के खतरे को दरकिनार करते हुए दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। उनकी गुरुवार को मौत हो गई थी।

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मौत की वजह अब तक सामने नहीं आई है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार लाहौर में फायरब्रांड नेता का खूब प्रभाव दिखा। सभी मार्गो पर समर्थकों की भीड़ जमा होने से ट्रैफिक जाम हो गया। सूत्रों के अनुसार, रिजवी के अंतिम संस्कार में लोगों का भारी संख्या में शामिल होना यह साबित करता है कि यहां अब भी लोग जिहादियों और कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा को पसंद कर रहे हैं। जबकि दिखाने के लिए पाकिस्तान में इस तरह की विचारधारा के लोगों को मुख्यधारा में शामिल नहीं किया जा रहा है। मौत से एक दिन पहले मौलाना इस्लामाबाद में एक विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे। ये विरोध प्रदर्शन फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के विरोध में आयोजित किया गया था।

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बता दें कि पाकिस्तान में नवंबर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले हर रोज बढ़ रहे हैं और इमरान सरकार ने बड़े कार्यक्रमों और मीटिंग पर प्रतिबंध लगा रखा है। इमरान सरकार के मुताबिक पाकिस्तान में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए लागू नियमों-कायदों के बावजूद हजारों की संख्या में लोग मौलाना रिजवी को विदा करने सड़कों पर निकले। अंत्येष्टि के आयोजकों ने कहा कि सरकार ने उन्हें भीड़ को सीमित करने के लिए कोई आदेश नहीं जारी किया था। सड़कों पर भीड़ इतनी थी कि लाहौर में कोलाहल मच गया। सेलफोन सेवाएं ठप हो गईं और सड़कों पर भारी जाम लग गया।

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सूत्रों के अनुसार भीड़ को देखते हुए मौलाना के पार्थिव शरीर को भीड़ के बीच कंधों पर नहीं लाया जा सका और अंतिम प्रार्थना के लिए एक पुल पर रखा गया ताकि लोग अंतिम बार देख सकें। अपने भड़काऊ भाषणों और तकरीरों के लिए मशहूर मौलाना रिजवी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान पार्टी के अगुवा थे। उन्होंने हाल ही में ईश निंदा को लेकर भी कई प्रदर्शन किए थे। साथ ही कई मुद्दों पर इमरान सरकार के खिलाफ सड़कों पर हल्ला बोला था।

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