Edited By Tanuja,Updated: 20 Jun, 2019 12:18 PM
ईरान के सरकारी टेलीविजन की खबर में कहा गया है कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने
तेहरानः अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान के सरकारी टेलीविजन की खबर में कहा गया है कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने बृहस्पतिवार को अपने देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले एक अमेरिकी “जासूसी ड्रोन” को अपने इलाके में मार गिराया। प्रेस टीवी के मुताबिक, रिवोल्यूशनरी गार्ड ने कहा कि देश के दक्षिणी तटीय होरमोजगन प्रांत में, “उसकी वायुसेना ने अमेरिका निर्मित ग्लोबल हॉक निगरानी ड्रोन को मार गिराया ।”हालांकि सरकारी टीवी ने ड्रोन की तस्वीरें जारी नहीं की हैं।
बता दें कि अमेरिका बेहद संवेदनशील खाड़ी के जल क्षेत्र में तेल टैंकरों पर हुए हमलों के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगाता रहा है जबकि तेहरान इन घटनाओं के पीछे अपना हाथ होने से इंकार करता रहा है और आशंका व्यक्त करता रहा है कि इनके पीछे अमेरिका का हाथ हो सकता है जो ईरान के खिलाफ बल प्रयोग को न्यायोचित ठहराने के लिये इनका सहारा ले रहा हो।दोनों देशों के बीच बढ़ती तल्खी को देख माना जा रहा है कि इनके बीच जल्द ही जंग छिड़ने वाली है । लेकिन गत दिवस आए एक बयान में दोनों देशों ने कहा है कि वे युद्ध नहीं चाहते लेकिन वे किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
बीते साल अमेरिका ने 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस पर दबाव बनाने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए और ईरान के न झुकने पर उसके खिलाफ एक के बाद एक कई और बड़े फैसले लिए।विवाद उस समय अधिक बढ़ गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए ईरान की सेना ‘रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर’ को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया।
इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप ईरान ने भी अपनी संसद में अमेरिकी सेना को आतंकी संगठन बताने वाला बिल पास कर दिया। कुछ ही रोज बीते थे कि अमेरिका ने ईरान को झटका देते हुए उन आठ देशों के भी उससे तेल खरीदने पर रोक लगा दी जिन्हें बीते साल छूट दी गई थी।इस दौरान अमेरिका ने ईरान के धातु निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया। . इसके बाद बीते पांच मई को उसने ईरान को सीधी चेतावनी देते हुए उसके आसपास के क्षेत्रों में बमवर्षक विमानों की तैनाती कर दी। अमेरिका के इस रुख के बाद ईरान ने भी एक बड़ा फैसला लेते यूरेनियम और भारी जल के उत्पादन को बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।