Edited By Tanuja,Updated: 25 Oct, 2025 12:31 PM

पाकिस्तान और अफगानिस्तान 25 अक्टूबर को तुर्किये के इस्तांबुल में दूसरे दौर की सीमा वार्ता करेंगे। पहले दौर की बैठक के बाद सीमित शांति बहाल हुई थी। वार्ता का उद्देश्य सुरक्षा चिंताओं को दूर करना, निगरानी तंत्र स्थापित करना और टीटीपी जैसे आतंकवादियों...
Isalamabad: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारी सीमा पर जारी तनाव को बातचीत के जरिए हल करने के लिए 25 अक्टूबर को तुर्किये के इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता करेंगे। यह कदम पहले दौर की वार्ता का अनुसरण है, जो 19 अक्टूबर को कतर की राजधानी दोहा में हुई थी। उस बैठक के बाद पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर अस्थायी शांति बहाल हुई थी। इस बैठक की मेजबानी कतर और तुर्किये ने की थी और दोनों पक्ष ने आपसी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से इस्तांबुल में फिर से मुलाकात करने पर सहमति जताई। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा कि इस बैठक में एक "ठोस निगरानी तंत्र" स्थापित करने की उम्मीद है।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने भी बैठक की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अफगान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के उप मंत्री मौलवी रहमतुल्लाह नजीब करेंगे। मुजाहिद ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "बैठक में पाकिस्तान के साथ बाकी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।" साल 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं। पाकिस्तान ने अफगान अधिकारियों से बार-बार आग्रह किया है कि वे **तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों पर नियंत्रण रखें, जो अफगानिस्तान की धरती का उपयोग पाकिस्तान में हमले करने के लिए कर रहे हैं।
हालांकि इस मामले में पाकिस्तान को सीमित सफलता मिली है। बढ़ते अविश्वास के कारण 2,611 किलोमीटर लंबी डूरंड लाइन पर हाल ही में कई बार झड़पें हो चुकी हैं। अफगानिस्तान आधिकारिक रूप से डूरंड लाइन को मान्यता नहीं देता, जिससे सीमा सुरक्षा और आपसी भरोसे का मुद्दा लगातार बना हुआ है। इस वार्ता को सफल बनाने की उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली, सुरक्षा उपायों और सीमा निगरानी के ठोस तंत्र स्थापित हो सकेंगे।