चीन की धमकियों के बावजूद ताइवान में हुआ राष्ट्रपति चुनाव, DDP के विलियम लाई ने की जीत दर्ज

Edited By Tanuja,Updated: 13 Jan, 2024 05:54 PM

taiwan picks new leader in election closely watched by world

ताइवान में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हो रहा है जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। इस चुनाव के नतीजे अगले...

इंटरनेशनल डेस्कः  ताइवान में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के विलियम लाई चिंग-ते ने ताइवान का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है।  वर्तमान उपराष्ट्रपति लाई, कंजर्वेटिव कुओमिन्तांग (केएमटी) के होउ यू-इह और ताइवान पीपुल्स पार्टी के को वेन-जे के साथ तीन-तरफा दौड़ में थे। होउ ने हार स्वीकार कर ली और लाई को जीत की बधाई दी।

 

चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका की करीबी नजर वाले चुनावों में मतदाताओं ने ताइवान की 113 सीटों वाली विधायिका के लिए विधायकों को भी चुना। इस चुनाव के नतीजे अगले चार साल तक चीन के साथ उसके संबंधों की दिशा तय कर सकते हैं। इस चुनाव में ताइवान की शांति और स्थिरता दांव पर लगी है। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) का प्रतिनिधित्व कर रहे उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते निवर्तमान राष्ट्रपति ताई इंग-वेन के खिलाफ चुनाव लड़ा और स्वतंत्रता समर्थक पार्टी को अभूतपूर्व रूप से तीसरी बार जीताने की कोशिश की। लाई ने अपने गृह नगर तैनान में वोट डाला। चीन समर्थक कुओमिंगतांग पार्टी के उम्मीदवार होऊ यू-इह, न्यू ताइपे शहर में अपना वोट डालेा। इसे नेशनलिस्ट पार्टी के नाम से भी जाना जाता है।

 

युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रियता हासिल करने वाले ताइवान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार को वेन-जे ताइपे में वोट डालें गए । वे दो प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प पेश कर रहे हैं। मतदान शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ और करीब आठ घंटे तक चला। उम्मीदवारों ने शुक्रवार रात को अपना प्रचार अभियान पूरा किया। तैनान में लाई ने बताया कि उन्होंने 1996 में पहले राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व ताइवानी मतदाताओं को डराने-धमकाने के इरादे से चीन के मिसाइल परीक्षण और सैन्य अभ्यासों के कारण सर्जन के रूप में अपना करियर छोड़ दिया था।

 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ताइवान में अभी-अभी शुरू हुए लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता था। मैंने मोटी तनख्वाह वाली अपनी नौकरी छोड़ दी और लोकतंत्र में अपने बड़ों के पदचिह्नों पर चलने का फैसला किया।'' ताइवान पुलिस बल के पूर्व प्रमुख और राजधानी के उपनगरों के मेयर होऊ ने कहा कि बीजिंग के साथ रिश्तों पर लाई का नजरिया अनिश्चितता और बल्कि युद्ध की आशंका पैदा कर सकता है। चीन की सैन्य धमकियां कुछ मतदाताओं को स्वतंत्रता समर्थक उम्मीदवारों के खिलाफ कर सकती हैं लेकिन अमेरिका ने किसी भी सरकार के बनने पर उसे समर्थन देने का संकल्प लिया है।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने चुनाव के तुरंत बाद द्वीपीय देश में पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों वाला एक अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनायी है। यह कदम बीजिंग और वाशिंगटन के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिशों में बाधा पैदा कर सकता है जो कि हाल के वर्षों में व्यापार, कोविड-19, ताइवान के लिए अमेरिका के समर्थन और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण तनावपूर्ण हैं। चीन के साथ तनाव के अलावा ताइवान का चुनाव काफी हद तक घरेलू मुद्दों पर निर्भर करता है खासतौर से अर्थव्यवस्था पर जो पिछले साल महज 1.4 प्रतिशत बढ़ी है।  

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