Edited By Pardeep,Updated: 12 Aug, 2025 11:16 PM

आपने अब तक सब्जी, फल, पोल्ट्री, या बकरी पालन की बात तो खूब सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन में चूहों की खेती (Bamboo Rat Farming) एक तेजी से बढ़ता हुआ लाभकारी व्यवसाय बन चुका है? ये कोई साधारण चूहे नहीं हैं, बल्कि इन्हें ‘बैंबू रैट्स’...
इंटरनेशनल डेस्कः आपने अब तक सब्जी, फल, पोल्ट्री, या बकरी पालन की बात तो खूब सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन में चूहों की खेती (Bamboo Rat Farming) एक तेजी से बढ़ता हुआ लाभकारी व्यवसाय बन चुका है? ये कोई साधारण चूहे नहीं हैं, बल्कि इन्हें ‘बैंबू रैट्स’ (Bamboo Rats) कहा जाता है, जो आकार में बड़े होते हैं और जिनका मांस स्थानीय भोजन में बड़े चाव से खाया जाता है। इस अनोखी खेती से हर साल लाखों की कमाई हो रही है, और ग्रामीण आबादी के लिए यह गरीबी से बाहर निकलने का मजबूत जरिया बनता जा रहा है।
क्या हैं बैंबू रैट्स?
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ये चूहे सामान्य घरों में दिखने वाले चूहों से बिल्कुल अलग होते हैं।
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इनका वजन 2 से 3 किलो तक हो सकता है।
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इन्हें "बैंबू रैट" इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये बांस खाना पसंद करते हैं, और इसी पर इनकी परवरिश की जाती है।
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चीन में यह प्रजाति "Rhizomys sinensis" के नाम से जानी जाती है।
कैसे होती है इनकी खेती?
जंगलों से शुरुआत: किसान जंगलों में जाकर बिलों से बैंबू रैट्स पकड़ते हैं और उन्हें पिंजरों में रखते हैं।
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पालन प्रक्रिया:
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एक पिंजरे में 2-3 रैट्स को एक साथ रखा जाता है।
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एक मादा रैट एक बार में 4-5 बच्चे देती है, जिससे इनकी संख्या तेज़ी से बढ़ती है।
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आहार:
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परिपक्वता की पहचान:
आर्थिक फायदा और बढ़ती कमाई
चीन के कई प्रांतों में बैंबू रैट पालन से गांवों में रोजगार और आय के नए स्रोत बन रहे हैं। एक किसान 20 जोड़े रैट पालकर साल में ₹1.5 लाख से ₹3 लाख तक कमा सकता है। कई किसानों ने इस व्यवसाय से गरीबी रेखा से ऊपर उठने में सफलता पाई है।
खपत और डिमांड
कोविड-19 के बाद का बदलाव
2020 में कोरोना महामारी के बाद चीन ने जंगली जानवरों की बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिससे इस खेती पर अस्थायी असर पड़ा। हालांकि, सरकार ने किसानों को मुआवजा देने और प्रशिक्षण देने की योजना बनाई ताकि वे सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से यह काम जारी रख सकें।