Edited By Tanuja,Updated: 15 Dec, 2025 07:50 PM

चीन ने तिब्बत जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती के लिए अपने लाइट बैटल टैंक टाइप-99 को अपग्रेड किया है। यह कदम भारत द्वारा स्वदेशी ‘जोरावर’ लाइट टैंक के अनावरण के बाद सामने आया है, जिससे सीमा पर सैन्य प्रतिस्पर्धा तेज होती दिख रही है।
International Desk: चीन ने तिब्बत जैसे ऊंचाई वाले और अत्यधिक ठंडे इलाकों में तैनाती के लिए अपने लाइट बैटल टैंक टाइप-99 को अपग्रेड किया है। सरकारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टैंक में अब सूचना-आधारित कमांड और संचार क्षमताएं, बेहतर एकीकृत फायरपावर और उन्नत तकनीकी प्रणालियां जोड़ी गई हैं।यह जानकारी ऐसे समय सामने आई है जब भारत ने हाल ही में स्वदेशी रूप से विकसित ‘जोरावर’ लाइट टैंक का अनावरण किया है, जिसे खास तौर पर चीन सीमा से सटे ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में युद्ध के लिए डिजाइन किया गया है। हॉन्गकॉन्ग स्थित अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीनी आधिकारिक मीडिया के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की।
भारत का ‘जोरावर’ टैंक, जिसका नाम डोगरा योद्धा जनरल जोरावर सिंह के नाम पर रखा गया है, लगभग 25 टन वजनी है। इसके मुकाबले चीन का अपग्रेडेड टाइप-99 टैंक करीब 55 टन वजन का बताया जा रहा है, जो इसे अपेक्षाकृत भारी बनाता है। चीन ने पहली बार अपने इस लाइट टैंक के विकास की घोषणा 2017 में की थी और इसे सितंबर में बीजिंग में आयोजित सैन्य परेड में प्रदर्शित भी किया गया था। नवीनतम संस्करण को खास तौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों और अत्यधिक ठंडे मौसम में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, टाइप-99 चीन का तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे पश्चिमी देशों के अत्याधुनिक टैंकों की टक्कर का माना जाता है। यह टैंक 125 मिमी की मुख्य तोप, भारी कवच, तथा सक्रिय और निष्क्रिय सुरक्षा प्रणालियों से लैस है। इसके पुराने संस्करण टाइप-99A में भी फायर कंट्रोल, नेविगेशन, इलेक्ट्रॉनिक और स्वचालित प्रणालियों को अपग्रेड किया गया था। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और चीन दोनों द्वारा ऊंचाई वाले इलाकों के लिए हल्के टैंकों पर जोर देना एलएसी के आसपास बढ़ती रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।