Edited By Tanuja,Updated: 17 Dec, 2025 05:31 PM

चीन में जबरन अंग निकासी के खिलाफ वैश्विक विरोध तेज हो गया है। 34 देशों के 5 लाख से अधिक लोगों ने G7 और अन्य सरकारों से कार्रवाई की मांग की है। यह अपराध फालुन गोंग, उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता है।
International Desk: चीन पर मानवाधिकार उल्लंघन का दबाव तेज हो गया है। जबरन अंग निकासी जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ दुनिया भर से आधे मिलियन से अधिक लोगों ने G7 देशों से सख्त कार्रवाई की मांग की है। दुनिया भर के 5 लाख से अधिक लोगों ने एक अंतरराष्ट्रीय याचिका पर हस्ताक्षर कर चीन में जबरन अंग निकासी (Forced Organ Harvesting) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यह जानकारी द एपॉक टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है।DAFOH ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान जून 2026 तक एक मिलियन हस्ताक्षर जुटाने के लक्ष्य के साथ जारी रहेगा।
यह याचिका Doctors Against Forced Organ Harvesting (DAFOH) और International Coalition to End Transplant Abuse in China द्वारा जुलाई 2024 में शुरू की गई थी। 15 दिसंबर 2025 तक 34 देशों में 5,05,970 लोग इस याचिका का समर्थन कर चुके हैं। इस अभियान का उद्देश्य G7 देशों—अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन सहित भारत, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, अर्जेंटीना, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया और ताइवान की सरकारों पर दबाव बनाना है, ताकि वे चीनी कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ ठोस कदम उठाएं।
रिपोर्ट के अनुसार, यह अमानवीय अपराध विवेकाधीन कैदियों को निशाना बनाता है, जिनमें फालुन गोंग अनुयायी, उइगर मुसलमान और अन्य धार्मिक-जातीय अल्पसंख्यक शामिल हैं। DAFOH के कार्यकारी निदेशक डॉ. टॉर्स्टन ट्रे ने कहा कि यह याचिका सीधे सरकारों को यह बताने का माध्यम है कि दुनिया के लोग इन जघन्य ट्रांसप्लांट अपराधों को खत्म होते देखना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि 2019 में लंदन स्थित चाइना ट्रिब्यूनल ने भी निष्कर्ष निकाला था कि चीन बड़े पैमाने पर जबरन अंग निकासी में शामिल है।
याचिका में मांगें
- संबंधित देश चीन की जबरन अंग निकासी की खुली निंदा करें।
- अपने नागरिकों को चीन में अंग प्रत्यारोपण कराने से रोकें।
- ट्रांसप्लांट सहयोग समाप्त करें।
- संसदों में नियमित सुनवाई कराएं।
- दोषियों के खिलाफ जवाबदेही तय करें।