Edited By Pardeep,Updated: 30 Aug, 2025 05:58 AM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विवादित टैरिफ (आयात शुल्क) नीति को अमेरिकी फेडरल अपील कोर्ट ने अवैध (Illegal) घोषित कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को ट्रंप की आर्थिक नीतियों पर बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा है कि 14...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विवादित टैरिफ (आयात शुल्क) नीति को अमेरिकी फेडरल अपील कोर्ट ने अवैध (Illegal) घोषित कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को ट्रंप की आर्थिक नीतियों पर बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा है कि 14 अक्टूबर 2025 तक ये टैरिफ लागू रहेंगे, ताकि ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके।
कोर्ट ने क्या कहा?
अमेरिकी कोर्ट ऑफ अपील्स (Federal Circuit, Washington D.C.) ने साफ कहा कि: “राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियों (emergency powers) के तहत कई फैसले लेने की अनुमति होती है, लेकिन इसमें टैरिफ लगाना या कर (tax) लगाना शामिल नहीं है।”
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कोर्ट का फैसला मुख्य रूप से IEEPA (International Emergency Economic Powers Act, 1977) पर आधारित था।
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ट्रंप ने इसी क़ानून का हवाला देकर चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों पर टैरिफ लगाए थे।
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कोर्ट ने ट्रंप द्वारा लगाए गए Reciprocal Tariffs और कुछ अन्य शुल्कों को अवैध करार दिया।
हालांकि स्टील और एल्युमीनियम पर लगाए गए टैरिफ, जो अलग कानूनों के तहत लगाए गए थे, वो अभी भी प्रभाव में रहेंगे।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
ट्रंप ने कोर्ट के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा: “सभी टैरिफ अभी भी लागू हैं! कोर्ट का फैसला राजनीति से प्रेरित है। अमेरिका आखिर में जीत जाएगा।”
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उन्होंने कहा कि यदि टैरिफ हटा दिए गए तो यह अमेरिका के लिए "पूरी तरह से विनाशकारी (Total Disaster)" होगा।
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ट्रंप ने दावा किया कि ये टैरिफ अमेरिकी किसानों, उद्योगों और कामगारों की रक्षा के लिए ज़रूरी हैं।
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उन्होंने अमेरिका को “Made in America” उत्पादों का समर्थन करने की बात कहते हुए कहा: “टैरिफ हमारे कामगारों के लिए सबसे अच्छा हथियार हैं। कई सालों तक नासमझ नेताओं ने दूसरों को हमारे खिलाफ टैरिफ लगाने दिया। अब हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
मामला अब सुप्रीम कोर्ट में जाएगा
पृष्ठभूमि – टैरिफ विवाद क्या है?
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2018–2020 के बीच ट्रंप ने चीन, मैक्सिको, कनाडा और यूरोपीय देशों पर भारी टैरिफ लगाए थे।
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इन टैरिफ का मकसद था:
अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना
ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) को कम करना
विदेशी उत्पादों की निर्भरता घटाना
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लेकिन कई कंपनियों और व्यापार समूहों ने इन टैरिफ का विरोध किया और कोर्ट में चुनौती दी।
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IEEPA के तहत टैरिफ लगाना सही है या नहीं, इसी पर अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा।
आगे क्या?
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14 अक्टूबर 2025 तक सभी टैरिफ लागू रहेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में अगर ट्रंप हारते हैं, तो उनके कई टैरिफ पूरी तरह खत्म हो सकते हैं।
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यह फैसला अमेरिकी चुनावों, व्यापार नीतियों और वैश्विक बाजारों पर असर डाल सकता है।