Edited By Tanuja,Updated: 19 Aug, 2025 05:16 PM

अमेरिकी वायुसेना (U.S. Air Force) के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड ऑल्विन ने सोमवार (18 अगस्त 2025) को अचानक रिटायरमेंट का ऐलान कर राजनीतिक और सैन्य हलकों में हलचल मचा दी
Washington: अमेरिकी वायुसेना (U.S. Air Force) के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड ऑल्विन ने सोमवार (18 अगस्त 2025) को अचानक रिटायरमेंट का ऐलान कर राजनीतिक और सैन्य हलकों में हलचल मचा दी। ऑल्विन ने कहा कि वह 1 नवंबर के आसपास पद छोड़ देंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि उनकी तैनाती 4 साल के लिए तय थी, लेकिन वह केवल 2 साल पूरे करने के बाद ही पद से हटने जा रहे हैं ।हालांकि उन्होंने अपने इस फैसले की कोई वजह सार्वजनिक नहीं की। अपने संदेश में जनरल ऑल्विन ने कहा:"23वें एयरफोर्स चीफ ऑफ स्टाफ के तौर पर सेवा देने का अवसर मिलने के लिए मैं आभारी हूं और (एयरफोर्स) सचिव मिंक, सचिव हेजसेथ और राष्ट्रपति ट्रंप के विश्वास के लिए धन्यवाद देता हूं।"
क्या पेंटागन का दबाव ?
रक्षा मंत्रालय ने इस ऐलान पर अब तक चुप्पी साध रखी है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या ऑल्विन का यह फैसला पूरी तरह व्यक्तिगत था या फिर रक्षा मंत्री पीट हेजसेथ के दबाव का नतीजा। गौरतलब है कि जनवरी 2025 में पदभार संभालने के बाद से हेजसेथ ने सैन्य नेतृत्व में लगातार फेरबदल किए हैं। इनमें जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन अमेरिकी नौसेना (Navy) के प्रमुख, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जज एडवोकेट जनरल के पदों में फेरबदल शामिल हैं। ऑल्विन का अचानक रिटायरमेंट इसी बड़ी साफ-सफाई की कड़ी माना जा रहा है।
जनरल ऑल्विन का हटना न सिर्फ अमेरिकी वायुसेना बल्कि वैश्विक सैन्य संतुलन के लिहाज से भी अहम है। विश्लेषकों का मानना है कि लगातार बदलते सैन्य नेतृत्व से अमेरिका की रक्षा नीति अस्थिर हो रही है। NATO सहयोगियों में भरोसे की कमी आ सकती है। चीन और रूस जैसे प्रतिद्वंद्वी इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं। भारत जैसे साझेदार देशों के लिए भी यह संकेत है कि वॉशिंगटन में नीति-निर्माण में अनिश्चितता बढ़ रही है।