Edited By Tanuja,Updated: 06 Dec, 2025 06:13 PM

पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को “असाधारण क्षमता वाला” बताया। चंद्रयान-3, गगनयान और भविष्य के मानव चंद्र मिशन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने सुनिता...
International Desk: अंतरिक्ष यात्री और पूर्व नासा वैज्ञानिक माइक मैसिमिनो ने भारत के तेजी से विकसित होते अंतरिक्ष कार्यक्रम की जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत में चंद्रमा पर 2040 तक मानव लैंडिंग और भविष्य में मंगल मिशन जैसे बड़े लक्ष्य हासिल करने की क्षमता है। उन्होंने कहा, “India is capable of doing great things… I’m very excited about how they’re building their space program.”
मैसिमिनो ने बताया कि फरवरी में भारत यात्रा के दौरान उन्हें नई दिल्ली में छात्रों, वैज्ञानिकों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली खासतौर पर विज्ञान, तकनीक और इंजीनियरिंग बहुत मजबूत है।भारत ने चंद्रयान-3 को 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारकर इतिहास रचा था। वहीं, इस वर्ष जून में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला निजी एक्सियोम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुँचने वाले पहले भारतीय बने।
मैसिमिनो ने भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स का भी जिक्र किया, जिन्हें बोइंग स्टारलाइनर की तकनीकी खराबी के कारण जून 2024 से मार्च 2025 तक लगभग 9 महीने अंतरिक्ष में रहना पड़ा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनके माध्यम से ‘सनी’ को एक विशेष पत्र भेजा था, जिसे पढ़कर वह बेहद खुश थीं।उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग और भी मजबूत होना चाहिए, जिससे दुनिया को लाभ होगा।