बांग्लादेशी पत्रकार का युनुस सरकार पर कड़ा प्रहारः दुनिया में बदनाम हो गया देश, बहुत गलत मिसाल पेश की

Edited By Updated: 21 Dec, 2025 03:32 PM

we set a really bad example as a nation  bangladeshi journalist slams violence

बांग्लादेशी पत्रकार रियाज़ अहमद ने उस्मान हादी की मौत के बाद हुई हिंसा को कानून-व्यवस्था की गंभीर विफलता बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले इस तरह की हिंसा और मीडिया पर हमले देश के लिए बेहद गलत संदेश देते हैं और सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

Dhaka: बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार और ढाका ट्रिब्यून के संपादक रियाज़ अहमद ने इंक़िलाब मंच के नेता उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस अशांति ने देश में कानून-व्यवस्था और सरकार की गंभीर नाकामी को उजागर कर दिया है और आगामी आम चुनावों से पहले बांग्लादेश ने एक बेहद गलत उदाहरण पेश किया है।  रियाज़ अहमद ने कहा कि हादी की हत्या के बाद जनता का गुस्सा और दुख स्वाभाविक था, लेकिन इसी भावनात्मक माहौल का फायदा उठाकर कुछ कट्टर और हाशिए के तत्वों ने हालात को हिंसक बना दिया। उन्होंने कहा,“इसे बहाना बनाकर भीड़ के भीतर मौजूद कुछ तत्व बेहद हिंसक हो गए। राज्य को ऐसी हिंसा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए।”

 

कैसे हुई उस्मान हादी की हत्या
उस्मान हादी, जो पिछले साल जुलाई में हुए जन-आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल थे, को 12 दिसंबर को ढाका के विजयनगर इलाके में रिक्शा से जाते समय करीब से गोली मार दी गई।गोली उनके सिर में लगी। गंभीर हालत में उन्हें बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर एयरलिफ्ट किया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।उस्मान हादी का जनाज़ा शनिवार को हुआ।परिवार की इच्छा के अनुसार उन्हें राष्ट्रीय कवि काज़ी नजरुल इस्लाम की कब्र के पास दफनाया गया।

 

मौत के बाद भड़का जनआक्रोश
हादी की मौत के बाद ढाका समेत कई इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।शुक्रवार को, जब हादी का शव ढाका लाया गया, तब कई दौर के विरोध प्रदर्शन हुए।हालांकि कई प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, लेकिन कुछ जगहों पर हालात बिगड़ गए और मीडिया संस्थानों सांस्कृतिक कार्यालयों पर हमले किए गए। रियाज़ अहमद ने दो प्रमुख अखबारों और सांस्कृतिक संस्थानों पर हुए हमलों को “देश के लिए बेहद शर्मनाक” बताया। उन्होंने कहा, “ सरकार की गलती से देश दुनिया में बदनाम हो गया।अगर सरकार पहले से एहतियाती कदम उठाती, तो इस हिंसा को रोका जा सकता था।”

 

चुनाव से पहले चेतावनी
बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। ऐसे में पत्रकारों पर हमले लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं। अहमद ने चेतावनी दी कि इससे पत्रकारों में डर बढ़ेगा जिससेअभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा,“अगर इन हमलों का मकसद स्वतंत्र मीडिया में डर पैदा करना था, तो कुछ हद तक हमलावर खुद को सफल मान सकते हैं।”रियाज़ अहमद ने कहा कि सिर्फ निंदा काफी नहीं है।उन्होंने मांग की कि दोषियों की पहचान की जाए और 
सख्त सजा दी जाए। कानून-व्यवस्था पर सरकार पूरी तरह नियंत्रण करे ताकि पत्रकार और नागरिक चुनाव से पहले बिना डर अपना काम कर सकें।

   

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!