अमेरिका देने जा रहा PAK को घातक 'फायर एंड फॉरगेट' AIM-120 AMRAAM मिसाइल, जानें कितना है खतरनाक

Edited By Updated: 08 Oct, 2025 02:23 PM

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मई 2025 के भारत-पाक तनाव के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइल देने का फैसला किया है। यह अत्याधुनिक एयर-टू-एयर मिसाइल F-16 जेट्स पर तैनात होगी। लंबी दूरी, GPS गाइडेंस और जैम-रेजिस्टेंस क्षमता के साथ यह मिसाइल भारत के लिए गंभीर खतरा बन...

इंटरनेशनल डेस्क : मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए तनाव के बाद अब अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते सुधरते दिख रहे हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक AIM-120 AMRAAM (एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल) देने का फैसला किया है। ये मिसाइलें पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट्स पर तैनात की जाएंगी। यह 'फायर एंड फॉरगेट' तकनीक वाली सुपर स्मार्ट मिसाइल है, जो किसी भी विमान को लंबी दूरी से मार गिराने में सक्षम है। यह खबर भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यह 2019 की बालाकोट जैसी स्थिति को दोहरा सकता है।

AIM-120 AMRAAM मिसाइल क्या है?
AIM-120 AMRAAM अमेरिका की सबसे उन्नत हवा-से-हवा मार करने वाली मिसाइल है, जिसे 'स्लैमर' के नाम से भी जाना जाता है। यह 1980 के दशक में विकसित AIM-7 स्पैरो मिसाइल का अपग्रेडेड संस्करण है। यह दिन-रात और किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम है। पाकिस्तान को इसका C8 वेरिएंट मिलेगा, जो AIM-120D का एक्सपोर्ट मॉडल है। इस मिसाइल में GPS गाइडेंस और उन्नत जैम-रेजिस्टेंस सिस्टम है, जो इसे और घातक बनाता है।

मिसाइल की विशेषताएं
लंबाई: 12 फीट (3.65 मीटर)

वजन: 350 पाउंड (159 किलोग्राम)

डायमीटर: 7 इंच (178 मिलीमीटर)

विंगस्पैन: 21 इंच (53 सेमी, A/B वेरिएंट में; C/D में थोड़ा अधिक)

प्रोपल्शन: सॉलिड रॉकेट मोटर (बूस्ट-सस्टेन प्रकार)

स्पीड: 4900 किमी/घंटा

रेंज: 50-100 किमी से अधिक (वेरिएंट पर निर्भर)

गाइडेंस सिस्टम: एक्टिव रडार, इनर्शियल नेविगेशन, मिडकोर्स अपडेट्स (डेटालिंक), और GPS (नए वेरिएंट्स में)

वॉरहेड: 20 किलोग्राम का हाई-एक्सप्लोसिव ब्लास्ट-फ्रैगमेंटेशन, जो विमान को पूरी तरह नष्ट कर सकता है

लॉन्च प्लेटफॉर्म: F-15, F-16, F/A-18, F-35 जैसे जेट्स और ग्राउंड लॉन्चर

वेरिएंट्स: A/B (पुराने), C5/C7 (मध्यम), D (लंबी दूरी), C8 (एक्सपोर्ट, पाकिस्तान को)

कीमत: प्रति मिसाइल 10-15 लाख डॉलर

उत्पादन: 1988 से अब तक 20,000 से अधिक मिसाइलें बन चुकी हैं।

कैसे काम करती है यह मिसाइल?
AIM-120 को 'फायर एंड फॉरगेट' मिसाइल कहा जाता है। पायलट टारगेट को लॉक कर मिसाइल लॉन्च करता है। शुरुआत में यह इनर्शियल गाइडेंस से उड़ती है और मिडवे में जेट से डेटालिंक के जरिए अपडेट्स लेती है। अंत में इसका एक्टिव रडार चालू हो जाता है, जो टारगेट को स्वतः भेदता है। यह मिसाइल रडार जैमिंग को भी सहन कर सकती है। एक F-16 जेट पर 6 ऐसी मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं, जो पाकिस्तान के ब्लॉक 52 F-16 के लिए उपयुक्त हैं।

किन देशों के पास है यह मिसाइल?
AIM-120 AMRAAM का उपयोग 42 से अधिक देश कर रहे हैं। यह मिसाइल अमेरिका के सहयोगी देशों को दी जाती है। प्रमुख देशों में शामिल हैं:

अमेरिका: यूएस एयर फोर्स, नेवी, मरीन कॉर्प्स

यूरोप: ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, इटली, स्पेन, ग्रीस, पोलैंड

एशिया: जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, सिंगापुर

मध्य पूर्व: इजरायल, सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत, टर्की, यूएई

अन्य: कनाडा, न्यूजीलैंड, रोमानिया, स्विट्जरलैंड

पाकिस्तान: पहले C5 वेरिएंट था, अब नई डील के तहत C8 वेरिएंट मिलेगा।

यह मिसाइल इराक, बोस्निया, कोसोवो, सीरिया और 2019 के भारत-पाक टकराव में इस्तेमाल हो चुकी है। इसके नाम 16 एयर-टू-एयर किल्स दर्ज हैं।

भारत के लिए क्यों है खतरा?
पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइलों का मिलना भारतीय वायुसेना के लिए गंभीर चुनौती है।

लंबी दूरी का हमला: 100 किमी की रेंज के साथ यह मिसाइल भारतीय सुखोई-30 या राफेल जैसे विमानों को दूर से ही निशाना बना सकती है। 2019 में पाकिस्तानी F-16 ने इसी मिसाइल से विंग कमांडर अभिनंदन के मिग-21 को मार गिराया था। अब C8 वेरिएंट के साथ खतरा और बढ़ गया है।

BVR युद्ध में बढ़त: भारत-पाक सीमा पर हवाई टकराव में पाकिस्तान को फायदा मिल सकता है। F-16 पहले से ही भारत के लिए चुनौती है, और AMRAAM के साथ 'फर्स्ट लुक, फर्स्ट शॉट, फर्स्ट किल' की क्षमता बढ़ेगी।

पाकिस्तान की ताकत में इजाफा: पाकिस्तान के 75 F-16 जेट्स पर ये मिसाइलें तैनात होंगी। भारत को S-400 और आकाश मिसाइल सिस्टम से जवाब देना होगा, लेकिन संख्यात्मक कमी और दो-मोर्चा (चीन के साथ) युद्ध की स्थिति चुनौतीपूर्ण होगी।

भारत का जवाब
सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को राफेल, तेजस और स्वदेशी Astra मिसाइलों की तैनाती तेज करनी होगी। यह डील अमेरिका की क्षेत्रीय संतुलन नीति को दर्शाती है, लेकिन भारत के लिए सामरिक चुनौतियां बढ़ा सकती है। भारत को अपनी वायु रक्षा और हवाई युद्ध क्षमताओं को और मजबूत करने की जरूरत है।

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