Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 04:57 PM
ब्रिटेन में सन् 1930 की वो रात शायद ही कोई भूल पाया हो। कर्मचारियों ने ''महान लोगों का घर'' कहे जाने वाले मैडम तुसॉद म्यूजियम के दरवाजों पर ताला लगाया और घर चले गए। मगर सुबह जैसे ही वे पहुंचे, तो बुरी तरह घबरा गए, क्योंकि किसी ''महान आदमी'' का...
लंदन: ब्रिटेन में सन् 1930 की वो रात शायद ही कोई भूल पाया हो। कर्मचारियों ने 'महान लोगों का घर' कहे जाने वाले मैडम तुसॉद म्यूजियम के दरवाजों पर ताला लगाया और घर चले गए। मगर सुबह जैसे ही वे पहुंचे, तो बुरी तरह घबरा गए, क्योंकि किसी 'महान आदमी' का कटा हुआ सिर जमीन पर पड़ा था तो किसी के दोनों हाथ गायब थे।
किसी की एक टांग कटकर नीचे गिरी पड़ी थी तो किसी का धड़ ही गायब हो गया था। कुछ की तो ये हालत थी कि उन्हें पहचानना तक मुश्किल हो रहा था। घबराए कर्मचारियों ने देखा कि कुछ महान हस्तियां तो उनके सामने तिल-तिलकर पिघल रही थीं। दरअसल, हुआ यूं था कि 1930 की उस रात अपनी कला के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध लंदन स्थित मैडम तुसॉद म्यूजियम में आग लग गई थी।
इस म्यूजियम में दुनिया बदल देने वाले या अलग-अलग क्षेत्रों में अद्भुत उपलब्धियां पाने वाले महान लोगों की मोम से बनी मूर्तियां लगी हुई थीं। ये उन विशिष्ट लोगों के चेहरे, शरीर आदि से हूबहू मेल खाती थीं, इसलिए म्यूजियम को 'महान हस्तियों का घर' भी कहा जाता था। मगर उस रात की आग ने बरसों की मेहनत को पलभर में बर्बाद कर दिया।