महाराष्ट्र राजनीतिक संकट : ठाकरे का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

Edited By Updated: 29 Jun, 2022 11:09 PM

pti maharashtra story

मुंबई, 29 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उनकी रुचि ‘संख्याबल के खेल’ में नहीं है और इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

मुंबई, 29 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उनकी रुचि ‘संख्याबल के खेल’ में नहीं है और इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

उन्होंने वेबकास्ट पर कहा, ‘‘मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’’ ठाकरे ने इसके साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सड़क पर प्रदर्शन करने नहीं उतरें।

ठाकरे ने यह घोषणा उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने संबंधी राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से उच्चतम न्यायालय के इनकार के कुछ मिनट बाद की। एमवीए में शिवसेना के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस सहयोगी हैं।

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अधिकतर विधायकों की बगावत का सामना कर रहे ठाकरे ने कहा कि उन्हें अपना पद छोड़ने पर कोई असफोस नहीं है।

शिवसेना अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बागी विधायकों को लौटने दें और उनके खिलाफ प्रदर्शन नहीं करें।

इससे पहले करीब एक सप्ताह से गुवाहाटी में डेरा डाले बागी विधायक बुधवार शाम को वहां से विशेष विमान में रवाना हुए और गोवा पहुंचे।

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे की वजह से राजनीतिक रूप से बढ़े बागियों को उनके (बालासाहेब) बेटे के मुख्यमंत्री पद से हटने पर खुश और संतुष्ट होने दें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं संख्याबल के खेल में शामिल नहीं होना चाहता हूं। मैं शर्मिंदा महसूस करूंगा अगर मैं देखूंगा कि पार्टी का एक भी सहयोगी मेरे खिलाफ खड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और शिवसैनिकों को हिरासत में लिया गया है।
ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा ने बुधवार शाम को हुई मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के फैसले का विरोध नहीं किया।

उन्होंने एमवीए सरकार चलाने के दौरान सहयोग के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भी धन्यवाद ज्ञापित किया। ठाकरे ने बागियों का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मुझसे कहा कि अगर बागी चाहते हैं तो कांग्रेस सरकार से हटने और बाहर से समर्थन करने को तैयार है। जिनसे खाई में धकेलने की उम्मीद थी वे ही साथ खड़े हुए जबकि मेरे अपने मेरा साथ छोड़कर चले गए। ’’
शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘आपकी समस्या क्या थी? सूरत और गुवाहाटी जाने के बजाय आप सीधे मेरे पास आ सकते थे और अपनी राय रख सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना आम लोगों की पार्टी है और उसने कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।’’ ठाकरे ने कहा कि वह पार्टी का पुनर्निर्माण करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं शिवसैनिकों का साथ खड़ा रहने के लिए धन्यवाद व्यक्त करता हूं। जो शिवसेना की वजह से राजनीतिक रूप से बढ़े वे असंतुष्ट हैं जबकि जिन्हें कुछ नहीं मिला वे निष्ठावान हैं।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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