Edited By ,Updated: 23 Aug, 2016 08:39 AM
जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण का ध्यान करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन-मुक्ति भी प्राप्त हो जाती है। श्री कृष्ण की सच्ची भक्ति से दुखो की मुक्ति संभव है। कलिकाल में पापी व्यक्ति के दिल में भी प्रभु भक्ति जाग जाए तो वो बेखटक...
जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण का ध्यान करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन-मुक्ति भी प्राप्त हो जाती है। श्री कृष्ण की सच्ची भक्ति से दुखो की मुक्ति संभव है। कलिकाल में पापी व्यक्ति के दिल में भी प्रभु भक्ति जाग जाए तो वो बेखटक वैकुण्ठधाम पहुंच जाता है। इस युग में सिर्फ सच्ची भक्ति का ही महत्व है। इस संसार में जन्म मरण के फेर से मोह माया में फंसकर पाने वाले दुखों से मुक्ति प्राप्त करनी हो तो सच्चे मन से भगवान की भक्ति करनी चाहिए। प्रभु भक्ति से ही ज्ञान और वैराग्य प्राप्त होता है और दुखों से मुक्ति भी मिलती है। जन्माष्टमी पर अपनी राशि के अनुसार श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप करें और अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त करें।
1. मेष- श्री कृष्ण के मंत्र 'ॐ कमलनाथाय नम:' का जाप करें।
2. वृषभ- श्री कृष्ण के अष्टक का पाठ करें।
3. मिथुन- श्री कृष्ण को तुलसी अर्पित करें और 'ॐ गोविन्दाय नम:' मंत्र का जाप करें।
4. कर्क- श्री कृष्ण को सफेद गुलाब अर्पित करें और राधाष्टक का पाठ करें।
5. सिंह- श्री कृष्ण के मंत्र 'ॐ कोटि-सूर्य-समप्रभाय नम:' का जाप करें।
6. कन्या- श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का ध्यान कर 'ॐ देवकी-नंदनाय नम:' का जाप करें।
7. तुला- श्री कृष्ण का ध्यान कर 'ॐ लीला-धराय नम:' का जाप करें।
8. वृश्चिक- वराह भगवान का ध्यान कर 'ॐ वराह नम:' का जाप करें।
9. धनु- श्री कृष्ण के गुरु रूप का ध्यान कर 'ॐ जगद्गुरुवे नम': का जाप करें।
10. मकर- श्री कृष्ण के सुदर्शनधारी स्वरूप का ध्यान कर 'ॐ पूतना-जीविता हराय नम:' का जाप करें।
11. कुंभ- श्री कृष्ण के दया रूप का ध्यान कर 'ॐ दयानिधाय नम:' का जाप करें।
12. मीन- श्री कृष्ण के नटखट रूप का ध्यान कर 'ॐ यशोदा-वत्सलाय नम:' का जाप करें।