Edited By Parveen Kumar,Updated: 08 Aug, 2025 08:45 PM

रामपुर उपमंडल के शांदल में बुधवार देर रात बादल फटने की वजह से स्लेटी खड्ड में अचानक बाढ़ आ गई। इस बाढ़ ने जलशक्ति विभाग की पानी की पाइपों को नुकसान पहुंचाया, जिससे कई इलाकों में पानी की आपूर्ति रुक गई।
नेशनल डेस्क: रामपुर उपमंडल के शांदल में बुधवार देर रात बादल फटने की वजह से स्लेटी खड्ड में अचानक बाढ़ आ गई। इस बाढ़ ने जलशक्ति विभाग की पानी की पाइपों को नुकसान पहुंचाया, जिससे कई इलाकों में पानी की आपूर्ति रुक गई। साथ ही, खड्ड में आई तेज बाढ़ ने दरशाल बठेड़ा पुल की नींव को भी नुकसान पहुंचाया। वहीं, एक पशुशाला में पानी भरने से भारी नुकसान हुआ। स्थानीय लोग रातभर जागकर बाढ़ से हुए नुकसान को देखभाल करते रहे। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 454 सड़कें बंद हैं।
प्रदेश में बरसात का सैलाब और नुकसान
प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक बादल फटने की 30 घटनाएं और बाढ़ की 58 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। बरसात से कुल 1952 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।
आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत काम करने वाले राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, 6 अगस्त तक वर्षाजनित आपदाओं में 108 और सड़क दुर्घटनाओं में 91 लोगों की मौत हो चुकी है, कुल मृतकों की संख्या 199 पहुंच गई है।
चार जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं
- ऊना जिले की बंगाणा तहसील के चुरड़ी पंचायत में बुधवार की सुबह बारिश के दौरान मकान की दीवार गिर गई, जिससे एक महिला घायल हो गई। उसे इलाज के लिए क्षेत्रीय अस्पताल से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया।
- राजधानी शिमला में भी चार स्थानों पर भूस्खलन हुआ। सोलन जिले में परवाणू से कसौली मार्ग पर सुबह भारी बारिश के कारण जंगेसु के पास तीन जगह भूस्खलन हुआ, जिससे यातायात कुछ समय के लिए बाधित रहा।
- नालागढ़-रामशहर-शिमला मार्ग भी कुमारहट्टी के पास भारी भूस्खलन के कारण दूसरे दिन भी बंद रहा।
बांधों का जलस्तर बढ़ा
ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण पौंग बांध का जलस्तर 1375.61 फीट तक पहुंच गया है। पौंग में प्रति सेकंड 66,323 क्यूसेक पानी आ रहा है। बुधवार को बांध के गेट सवा पांच फीट खोले गए, जिससे इंदौरा मंड क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने शुक्रवार को सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। नौ से 14 अगस्त तक प्रदेश के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है। नौ अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
सड़क यातायात प्रभावित
वीरवार को अधिकांश स्थानों पर धूप खिली रही, लेकिन कुछ इलाकों में बारिश भी हुई। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 454 सड़कें बंद हैं। इनमें कुल्लू का एनएच-305 और किन्नौर का एनएच-05 शामिल है।