26/11 मुंबई हमला: जख्म के 9 साल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 11:21 PM

26 11 mumbai attack  9 years of wound

मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले को 9 साल हो गए हैं। इस दर्दनाक हादसे से पूरा देश सहम गया था। दरअसल, 2008 के इस हमले में अजमल कसाब नाम का एक आतंकी अपने 9 अन्य सहयोगियों के साथ समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचा था। आतंकियों ने मुंबई के प्रमुख स्थलों पर...

नई दिल्ली: मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले को 9 साल हो गए हैं। इस दर्दनाक हादसे से पूरा देश सहम गया था। दरअसल, 2008 के इस हमले में अजमल कसाब नाम का एक आतंकी अपने 9 अन्य सहयोगियों के साथ समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचा था। आतंकियों ने मुंबई के प्रमुख स्थलों पर हमला करते हुए होटल ताज को अपने कब्जे में ले लिया था। इस मुश्किल ऑपरेशन में सिपाहियों ने कई आतंकियों को मार गिराया था, हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी। लोगों को मौत का तांडव मुंबई की सड़कों पर नजर आया था।

छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन से शुरू हुआ था आतंकी खेल
मुंबई के रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर आंतकी खेल शुरू हुआ था। आतंकियों ने वहां पहुंचकर अंधाधुंध फायरिंग की थी और हैंड ग्रेनेड भी फेंके थे। जिसकी वजह से 58 बेगुनाह यात्रियों की मौत हो गई थी। जबकि कई लोग गोली लगने और भगदड़ में गिर जाने की वजह से घायल हो गए थे।

शहर में 4 जगहों पर चली मुठभेड़ 
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अलावा आतंकियों ने ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और दक्षिण मुंबई के कई स्थानों पर हमले शुरू कर दिया था। इसी दिन शहर में 4 जगहों पर मुठभेड़ चल रही थी।

हेमंत करकरे अपनी टीम में शहीद होने वाले पहले अधिकारी
एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड के चीफ हेमंत करकरे 26-11 के मुंबई हमलों में शहीद होने वाले पहले अधिकारी थे। वह 1982 बैच के आईपीएस अफसर थे। हमले वाले दिन हेमंत करकरे अपनी टीम के साथ सीएसटी स्टेशन पहुंचे तो वहां सिर्फ लाशें बिछी थीं। करकरे ने आतंकियों का पीछा किया और वे उन तक पहुंच भी गए। लेकिन दोनों ओर से चली गोलीबारी में करकरे के सीने में तीन गोलियां लगीं और वे शहीद हो गए।

अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा
26 नवंबर 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए और 166 बेगुनाह लोगों को गोलियों से छलनी करके मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले में कई लोग जख्मी भी हुए थे। भारतीय सेना ने कई आतंकियों को मार गिराया था जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था।

21 नवंबर 2012 कसाब को दी गई फांसी
मुंबई हमले मामले की सुनवाई के बाद कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई जबकि हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है। हाफिज को अमेरिका ने मोस्टवांटेड आतंकियो की सूची में रखा है तथा उस पर एक करोड़ रुपए का ईनाम भी रखा है। हाफिज सईद को पाकिस्तानी कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही रिहा किया है।

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