Earthquake: अलास्का में आया 7.3 का भूकंप, जानिए अगर भारत में आए तो क्या होगा तबाही का मंजर

Edited By Updated: 17 Jul, 2025 12:21 PM

7 3 magnitude earthquake what if it hit india

अलास्का प्रायद्वीप में 7.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया है, जिससे इलाके में तेज कंपन महसूस किया गया और समुद्र में ऊंची लहरें उठीं। इस भूकंप का केंद्र सैंड पॉइंट के पास लगभग 15 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के बाद नेशनल सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने...

नेशनल डेस्क: अलास्का प्रायद्वीप में 7.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया है, जिससे इलाके में तेज कंपन महसूस किया गया और समुद्र में ऊंची लहरें उठीं। इस भूकंप का केंद्र सैंड पॉइंट के पास लगभग 15 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के बाद नेशनल सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने दक्षिणी अलास्का और आसपास के क्षेत्रों के लिए सुनामी अलर्ट भी जारी किया था। हालांकि कुछ समय बाद इस चेतावनी को हटा लिया गया लेकिन इस घटना ने भूकंप की गंभीरता और प्रभाव को एक बार फिर सामने ला दिया।

भूकंप की तीव्रता क्यों होती है खतरनाक?

7 से 7.9 के बीच की तीव्रता वाले भूकंपों को 'विनाशकारी भूकंप' की श्रेणी में रखा जाता है। भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार इतनी तीव्रता वाला भूकंप बड़ी इमारतों, सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है। विशेष रूप से जब भूकंप उथली गहराई में आता है तो उसका असर और तेज होता है क्योंकि उसकी तरंगें तेजी से सतह तक पहुंचती हैं।

अलास्का में क्यों आते हैं इतने शक्तिशाली भूकंप?

अलास्का दुनिया के सबसे संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल सबसे ज्यादा होती है। यहां अलेउतियन सबडक्शन ज़ोन मौजूद है जो लगातार प्लेट्स को धकेलता है। यही वजह है कि यहां न केवल भूकंप बल्कि ज्वालामुखी विस्फोट भी अक्सर देखे जाते हैं। वर्ष 1964 में अलास्का में ही 9.2 तीव्रता का अमेरिका का सबसे शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया था। वहीं पिछले कुछ सालों में यहां कई बार 7 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप आ चुके हैं। इस क्षेत्र की खास बात यह है कि यहां की आबादी कम है इसलिए जान-माल का नुकसान अपेक्षाकृत कम होता है।

अगर इतना ही तीव्र भूकंप भारत में आए तो?

भारत में स्थिति अलग है। यहां जनसंख्या घनत्व बहुत ज्यादा है और कई शहर भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं। राष्ट्रीय भूकंप आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार भारत को 5 जोन में बांटा गया है जिसमें से जोन 5 सबसे संवेदनशील माना जाता है। इसमें जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्य आते हैं।

अगर भारत के किसी घनी आबादी वाले शहर जैसे दिल्ली, मुंबई या कोलकाता में 7.3 तीव्रता का भूकंप आता है तो:

  • बड़ी-बड़ी इमारतें गिर सकती हैं

  • कच्चे मकान पूरी तरह ढह सकते हैं

  • सड़कें, पुल और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं

  • बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क ठप हो सकता है

  • रात में भूकंप आने से मौतों की संख्या बढ़ सकती है

  • पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बांध टूटने की घटनाएं हो सकती हैं

2001 और 2005 के दर्दनाक अनुभव

भारत ने अतीत में भी ऐसे भूकंपों का सामना किया है।

  • साल 2001 में गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 20,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 27 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।

  • साल 2005 में कश्मीर में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें भारत और पाकिस्तान में 80,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।

इन घटनाओं के बाद देश को न केवल मानव जीवन बल्कि आर्थिक स्तर पर भी भारी नुकसान उठाना पड़ा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!