Heart Attacks: वैज्ञानिकों के खोज में हुआ बड़ा खुलासा: इस वजह से कम उम्र में हार्ट अटैक का आना बन जाता है मौत की...

Edited By Updated: 03 Dec, 2025 12:08 PM

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आजकल अक्सर सुनने में आता है कि बिल्कुल फिट और युवा लोग अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। ये सवाल हमेशा परेशान करता है कि आखिर इतनी कम उम्र में दिल की धड़कन कैसे रुक सकती है। अब साइंटिस्ट्स ने इस रहस्य से पर्दा उठाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया...

नेशनल डेस्क: आजकल अक्सर सुनने में आता है कि बिल्कुल फिट और युवा लोग अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। ये सवाल हमेशा परेशान करता है कि आखिर इतनी कम उम्र में दिल की धड़कन कैसे रुक सकती है। अब साइंटिस्ट्स ने इस रहस्य से पर्दा उठाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। बेंगलुरु के स्टेम सेल साइंस एंड रीजेनरेटिव मेडिसिन संस्थान के शोधकर्ताओं ने एक ऐसे नए जीन की पहचान की है, जो युवाओं में कार्डियोमायोपैथी का कारण बन सकता है और यही बीमारी दिल की अचानक रुकने वाली धड़कन और मौत का बड़ा कारण बन रही है।

वैज्ञानिकों को क्या नया मिला?
डॉ. धंदापानी पेरुंडुरई और उनकी रिसर्च टीम ने भारत के कार्डियोमायोपैथी मरीजों पर 20,000 से ज्यादा जीनों का अध्ययन किया। इस शोध में ट्यूबुलिन टायरोसिन लाइगेस (TTL) नाम का एक जीन सामने आया, जिसका बदलाव (mutation) दिल के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है। कार्डियोमायोपैथी में दिल की दीवारें मोटी होने लगती हैं और पंप करने की क्षमता घट जाती है। नतीजा दिल सही से धड़क नहीं पाता, और कभी-कभी दिल की रफ्तार इतनी बिगड़ जाती है कि अटैक जैसी स्थिति बन जाती है।

हार्ट अटैक का कारण बन रहा है जीन म्यूटेशन
रिसर्च में पाया गया कि जिन मरीजों को यह बीमारी है, उनके TTL जीन में एक खास बदलाव दिखा। जहां सामान्य रूप से ग्लाइसिन नाम का अमीनो एसिड होना चाहिए, उसकी जगह सेरीन आ जाता है।
यह म्यूटेशन कई कारणों से हो सकता है—
➤ प्रदूषण
➤ तेज धूप/UV किरणों के संपर्क
➤ या माता-पिता से जेनेटिक रूप में मिल जाना


डॉ. पेरुंडुरई बताते हैं
“तेज एक्सरसाइज या भारी फिजिकल एक्टिविटी के दौरान यह म्यूटेशन अचानक घातक सिद्ध हो सकता है।”
➤ कैसे की गई रिसर्च? तरीका बेहद दिलचस्प
➤ वैज्ञानिकों ने बीमारी को समझने के लिए स्टेम सेल तकनीक का सहारा लिया


मरीजों के ब्लड सेल लिए गए
इन्हें 2D स्टेम सेल कल्चर में बदला
➤ फिर इन्हें धड़कने वाले हार्ट सेल्स (बीटिंग कार्डियक सेल्स) में विकसित किया।
➤ दिल की संरचना समझने के लिए 3D "मिनी हार्ट" जैसे ऑर्गेनॉइड भी तैयार किए।
➤ जब वैज्ञानिकों ने सामान्य सेल्स में ग्लाइसिन को हटाकर सेरीन डालकर प्रयोग किया, तो स्वस्थ सेल भी तुरंत बीमार की तरह धड़कने लगे।
➤ यह छोटा सा जीन बदलाव दिल की बीमारी का मुख्य कारण है।


क्या इस जीन म्यूटेशन को रोका जा सकता है?
पूरी तरह रोक पाना मुश्किल है. लेकिन जल्दी पता लगाकर जोखिम कम किया जा सकता है.
डॉ. पेरुंडुरई की सलाह:
➤ हर 5 साल में जेनेटिक टेस्टिंग जरूर कराएं
➤ इससे बीमारी के शुरुआती संकेत पकड़ में आ सकते हैं

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