चेहरा ऐसा जिससे नजर ना हटे, दिमाग ऐसा जिसको कोई ना दे सके मात... शादी की एक ऐसी कहानी जो आपको कर देगी हैरान

Edited By Mahima,Updated: 05 Mar, 2024 01:02 PM

a face that can t be taken away a mind that no one can defeat

नूर से भरा चेहरा, शातिर दिमाग, लंबा कद, मॉडर्न पहनावा, फर्राटेदार अंग्रेजी, एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों का शौक, किडनैपिंग एक्सपर्ट और दुनिया में नाम कमाने की ख्वाहिश। हम बात कर रहे हैं लेडी डॉन अनुराधा चौधरी की जो अपने गैंगस्टर प्रेमियों की वजह...

नेशनल डेस्क: नूर से भरा चेहरा, शातिर दिमाग, लंबा कद, मॉडर्न पहनावा, फर्राटेदार अंग्रेजी, एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों का शौक, किडनैपिंग एक्सपर्ट और दुनिया में नाम कमाने की ख्वाहिश। हम बात कर रहे हैं लेडी डॉन अनुराधा चौधरी की जो अपने गैंगस्टर प्रेमियों की वजह से ज्यादा सुर्खियों में रही है।  37 साल की उम्र में शादी रचाने की तैयारी कर रही अनुराधा इसी महीने की 12 तारीख को कुख्यात गैंगस्टर  संदीप उर्फ काला जठेड़ी के साथ शादी कर सकती है। इस शादी के लिए तो अदालत ने भी मंजूरी दे दी है। 

इस शादी के लिए दिल्ली की एक कोर्ट ने काला जठेड़ी को 6 घंटे की कस्टडी पैरोल दे दी है। 12 मार्च को दिल्ली में शादी के बाद ये क्रिमिनल कपल 13 मार्च को सोनीपत में गृह प्रवेश करेगा। इस दौरान चार राज्यों की पुलिस इन पर नजर बनाए रखेगी। इस शादी को लेकर जरायम की दुनिया से लेकर पुलिस महकमे तक कौतूहल है। सोनीपत में दुल्हन की स्वागत की तैयारियांजोरों शोरों से चल रही है।

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इस दुनिया में आने से पहले अनुराधा चौधरी एक पढ़ने-लिखने वाली लड़की थी। बचपन से ही वे काफी होशियार थी। उसने राजस्थान की एक यूनिवर्सिटी से बीटेक किया है।इसी पढ़ाई के दौरान उसे एक लड़के से प्यार हो गया। उस लड़के का नाम दीपक मिंज था। परिवार वालों के विरोध के बावजूद उसने दीपक से शादी कर ली। इसके बाद शेयर बाजार में निवेश करने का काम शुरू कर दिया। लेकिन इसमें उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा। काफी पैसा डूब गए। इतना ही उनके ऊपर काफी कर्ज भी चढ़ गया।

पैसे कमाने की लालच और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने की चाहत ने उसने इस गुनाह की दुनिया में पैर रख दिया। वो राजस्थान के कई बड़े गैंगस्टरों के संपर्क में आ गई।इसी बीच उसकी मुलाकात उस वक्त के सबसे बड़े गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से हुई। आनंद अनुराधा से बहुत प्रभावित हुआ। उसकी वजह से उसके अंदर तेजी से परिवर्तन आने लगा। साधारण जिंस-शर्ट पहनने वाला गैंगस्टर कोट-पैंट पहनने लगा। यहां तक कि अंग्रेजी बोलने की कोशिश करने लगा। ये सबकुछ अनुराधा की संगति का प्रभाव था, जो उसे बदल रहा था।

आनंदपाल और अनुराधा के बीच नजदीकियां बहुत बढ़ गई। दोनों लिव इन में एक-दूसरे के साथ रहने लगे। एक-दूसरे की मदद करने लगे। आनंद उसे एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग देने लगा। धीरे-धीरे वो उसके गैंग का अहम हिस्सा बन गई। इसकी वजह से उसके पहले पति दीपक मिंज के साथ उसका संबंध खत्म हो गया। पढ़ाई-लिखाई में अच्छी होने की वजह से कोर्ट-कचहरी से लेकर अपराध की साजिश तक का जिम्मा अनुराधा पर आ गया। उसे किडनैपिंग एक्सपर्ट कहा जाता था। आगे चलकर लोग उसे लेडी डॉन और रिवॉल्वर रानी के नाम से जानने लगे।

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लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का जन्म राजस्थान के सीकर जिले में हुआ था। पिता सरकारी नौकरी करते थे, लेकिन मां की मौत हो जाने की वजह से उन्होंने ही उसे पाल-पोसकर बड़ा किया। उसने अजमेर के सोफिया स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद पहले बीटेक फिर एमबीए किया था। बताया जाता है कि दिमाग से तेज तर्रार और कई भाषाओं की जानकार है। यही वजह है कि गैंग को पुलिस और कोर्ट से बचाने में उसकी भूमिका हमेशा अहम होती थी। एक वक्त ऐसा भी आया कि आनंदपाल ने अपना पूरा गैंग अनुराधा के हवाले कर दिया। उसके इशारे पर काम करने लगा था।

27 जून, 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में अनुराधा चौधरी का नाम आया। उसके बाद पुलिस ने उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी। साल 2016 में उसको जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। उसे पकड़े जाने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। दरअसल एक बार सीकर के एक व्यापारी ने अनुराधा को रंगदारी देने से इनकार कर दिया, तो उसने उसको किडनैप कर लिया। उसे लेकर अपने ठिकाने पर आ रही थी। उसी वक्त मुखबीरों ने पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद वो जयपुर में पकड़ी गई।

अनुराधा चौधरी जब इस केस में दो साल की सजा काट रही थी, उसी दौरान साल 2017 में आनंदपाल सिंह को पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया। अपने प्रेमी की हत्या के बाद जब वो जेल से बाहर आई तो उसने आनंदपाल के गैंग की कमान संभाल ली। गैंग को बढ़ाने के लिए उसने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से दोस्ती कर ली। दोनों साथ मिलकर काम करने लगे। इसी दौरान उसीक मुलाकात संदीप उर्फ काला जठेड़ी से हुई।जठेड़ी बिश्नोई गैंग के लिए ही काम करता था। हथियारों की सप्लाई किया करता था। धीरे-धीरे दोनों बेहद करीब आ गए और साथ में रहने लगे।

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काला जठेड़ी हरियाणा सोनीपत का रहने वाला है। उसके गुनाहों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। बताया जाता है कि वो कभी दुबई तो कभी मलेशिया में बैठकर हिंदुस्तान में अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कुछ साल पहले काला जठेड़ी की दोस्ती कुछ बदमाशों से हो गई थी। उस दौरान उसके खर्चे भी बढ़ गए थे। अपने खर्चे पूरे करने के लिए उसने अपने मां बाप से पैसों की मांग की, लेकिन फिर भी उसके खर्चे पूरे नहीं हुए। इसके बाद उसने झपटमारी का काम शुरू कर दिया। उसके खिलाफ दिल्ली में पहला मुकदमा 29 सितंबर 2004 को दर्ज हुआ था।

उस दिन काला जठेड़ी अपने साथियों के साथ दिल्ली के सिरसपुर इलाके में एक शख्स का मोबाइल छीन कर भाग रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में उसके खिलाफ दिल्ली के समयपुर बादली में पहली एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन एक बार जेल से छूटने के बाद उसने एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया। झपटमारी, लूटपाट और हत्या की कोशिश जैसी वारदातों को अंजाम देने वाला जठेड़ी देखते ही देखते गैंगस्टर बन गया। उसने अपना एक बड़ा गैंग बना लिया। फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।

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