आरुषि मर्डर केस: तलवार दंपति को झटका, रिहाई के खिलाफ सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट

Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Aug, 2018 02:03 PM

aarushi murder case supreme court notices sent to talwar couple

सुप्रीम कोर्ट 2008 के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई के लिये आज सहमत हो गया। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ ने कहा कि सीबीआई...

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट 2008 के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई के लिये आज सहमत हो गया। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ ने कहा कि सीबीआई की अपील पर हेमराज की पत्नी द्वारा दायर अपील के साथ ही सुनवाई की जायेगी। पीठ ने जांच ब्यूरो की अपील विचारार्थ स्वीकार कर ली। इन दोनों अपील में तलवार दंपत्ति को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 12 अक्तूबर, 2017 के निर्णय को चुनौती दी गयी है। जांच ब्यूरो की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह ने इस मामले में पहले से ही लंबित हेमराज की पत्नी की अपील का हवाला दिया।
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इस पर पीठ ने कहा कि जांच ब्यूरो की अपील उसके साथ ही संलग्न की जाएगी। हेमराज की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने तलवार दंपति की रिहाई के फैसले को गलत बताया है। मालूम हो कि हेमराज तलवार परिवार का घरेलू नौकर था, जिसकी आरुषी के साथ ही हत्या कर दी गई थी।
PunjabKesariदंत चिकित्सक दंपत्ति राजेश और नूपुर तलवार की 14 वर्षीय बेटी आरूषि मई, 2008 को अपने नोएडा स्थित घर में मृत मिली थी। आरूषि की गर्दन किसी धारदार वस्तु से काटी गई थी। इस मामले की जांच के दौरान शुरू में संदेह घरेलू सेवक हेमराज पर गया क्योंकि वह लापता था परंतु दो दिन बाद घर की छत से उसका छव बरामद हो गया था। इस दोहरे हत्याकांड में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को तलवार दंपत्ति को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तलवार दंपत्ति ने अदालत के इस निर्णय को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने तलवार दंपत्ति को बरी करते हुए कहा था कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। 

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