Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Dec, 2019 02:26 PM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून पर उठे सियासी बवाल और पूर्वोत्तर के कुछ सीएम की अपील के बीच इसमें कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और...
नेशनल डेस्कः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून पर उठे सियासी बवाल और पूर्वोत्तर के कुछ सीएम की अपील के बीच इसमें कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा तथा नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।
शाह ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर शुक्रवार को उनसे मुलाकात की है। गृहमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ मुख्यमंत्रियों ने बताया कि मेघालय में समस्या है। मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि कोई मुद्दा नहीं है। उसके बाद भी उन्होंने मुझसे (कानून में) कुछ बदलाव करने को कहा।
शाह ने कहा कि मैंने संगमा जी को क्रिसमस के बाद समय मिलने पर मेरे पास आने को कहा। हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। इससे पहले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह समर्पित हैं।
शाह का नागरिकता कानून पर यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है। बता दें कि पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (6 राज्य) पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे अपने राज्यों में नागरिकता कानून को नहीं लागू करेंगे। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर असम में पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन हुई जिसमें अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं शनिवार को असम में स्थिति में हल्का सुधार हुआ है जिसके बाद रविवार शाम 6 बजे तक गुवाहटी में कर्फ्यू में ढील दी गई है।