Edited By Mansa Devi,Updated: 13 Aug, 2025 11:34 AM

मद्रास उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। एक 14 वर्षीय लड़की ने अदालत की इमारत की पहली मंजिल से छलांग लगा दी। यह घटना तब हुई जब खंडपीठ ने उसे चेन्नई के केलीज़ स्थित एक सरकारी बाल गृह भेजने का आदेश दिया। छलांग लगाने के...
नेशनल डेस्क: मद्रास उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। एक 14 वर्षीय लड़की ने अदालत की इमारत की पहली मंजिल से छलांग लगा दी। यह घटना तब हुई जब खंडपीठ ने उसे चेन्नई के केलीज़ स्थित एक सरकारी बाल गृह भेजने का आदेश दिया। छलांग लगाने के बाद, लड़की को तुरंत राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।
क्यों दिया गया था बाल गृह भेजने का आदेश?
यह पूरा मामला लड़की के पिता द्वारा दायर की गई एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका से जुड़ा है। लड़की के माता-पिता का तलाक हो चुका है। पिता ने याचिका में कहा था कि लड़की अपनी दादी के साथ रह रही थी और उसे वापस उनकी हिरासत में सौंपा जाए। हालांकि, लड़की अपने पिता के साथ रहने को तैयार नहीं थी और उसने अंडमान में अपनी माँ के साथ रहने की इच्छा जताई थी।
अदालत ने एक परामर्शदाता की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि लड़की के लिए माँ के साथ रहना भी सुरक्षित नहीं है। इसी वजह से अदालत ने उसे एक सरकारी बाल गृह भेजने का आदेश दिया, जिसके बाद यह घटना हुई।
मनोचिकित्सा परामर्श का आदेश
घटना के बाद, अदालत ने लड़की और उसके पिता दोनों के लिए विशेष मनोचिकित्सा परामर्श का निर्देश दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि लड़की ने ऐसा कदम क्यों उठाया।