Edited By vasudha,Updated: 16 Aug, 2018 04:58 PM
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की आधारशिला माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हाजिर जवाबी से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने न केवल एक बेहतरीन राजनेता बल्कि एक अच्छे कवि, पत्रकार और लेखक के रूप में...
नेशनल डेस्क: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की आधारशिला माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हाजिर जवाबी से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने न केवल एक बेहतरीन राजनेता बल्कि एक अच्छे कवि, पत्रकार और लेखक के रूप में नाम कमाया बल्कि एक शानदार वक्ता के रूप में भी लोगों का दिल जीता।
अटल जी कई गंभीर और विचारोत्तेजक विषयों पर भी बड़ी सरलता और मजाकिया लहजे में अपनी प्रतिक्रिया देते रहे। देश में आपातकाल के दौरान 1975 में अटल जी और आडवाणी जी को कई अन्य राजनेताओं के साथ बंगलोर में गिरफ्तार किया गया था। जेल में रहने के दौरान ही अटल जी की पीठ में गंभीर समस्या पैदा हुई थी, जिसके बाद एम्स में उनकी पीठ का ऑपरेशन किया गया। अस्पताल के बिस्तर पर ही अटल जी ने अपनी एक नई कविता की रचना की जिसके शुरूआती शब्द थे- 'टूट सकते हैं मगर, हम झुक नहीं सकते।
वहीं जब 1994 में कश्मीर पर पाकिस्तान का रवैया काफी आक्रामक था तो प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के संबंध में भारत का पक्ष रखने के लिए नेता प्रतिपक्ष अटल जी को भेजा। इस दौरान अटल जी ने कहा कि आपका कहना है कि कश्मीर के बैगर पाकिस्तान अधूरा है, तो हमारा मानना है कि पाकिस्तान के बगैर हिंदुस्तान अधूरा है, बोलिये, दुनिया में कौन पूरा है? पूरा तो केवल ब्रह्म्मा जी ही हैं, बाकी सबके सब अधूरे हैं। आपको पूरा कश्मीर चाहिए, तो हमें पूरा पाकिस्तान चाहिए, बोलिये क्या मंजूर है?