Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Apr, 2023 08:19 PM

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि रत्नागिरी जिले के बारसू गांव में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना को स्थानीय लोगों की सहमति के बिना लागू नहीं किया जाएगा।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि रत्नागिरी जिले के बारसू गांव में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना को स्थानीय लोगों की सहमति के बिना लागू नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दावा किया कि बारसू गांव में स्थिति शांतिपूर्ण है। इससे पहले दिन में, रिफाइनरी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी गांव में एकत्र हुए थे।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए राजापुर तहसील के बारसू एवं सोलगांव गांवों में आंसू गैस का इस्तेमाल किया और शिवसेना (यूबीटी) के सांसद विनायक राउत को हिरासत में ले लिया। शिंदे ने कहा कि उन्होंने रत्नागिरी के जिलाधिकरी और पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ जिले के प्रभारी मंत्री उदय सामंत से बात की है और जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि परियोजना स्थल पर कोई लाठी चार्ज नहीं हुआ है।
उद्धव ठाकरे पर निशाना
शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "एक पूर्व मुख्यमंत्री ने खुद ही केंद्र सरकार को बारसू का सुझाव दिया था। मुख्यमंत्री का पद गंवाने के बाद, वह परियोजना का विरोध कर रहे हैं। कोई व्यक्ति इस तरह के दोहरे मानदंड कैसे रख सकता है।'' ठाकरे की पार्टी रिफाइनरी का विरोध कर रहे ग्रामीणों का समर्थन कर रही है।
स्थानीय लोगों की सहमति के बिना कदम आगे नहीं बढ़ाएंगे
शिंदे ने कहा, "हमारी सरकार लोगों की सरकार है और हम उनके खिलाफ नहीं हैं। हम स्थानीय लोगों की सहमति के बिना कदम आगे नहीं बढ़ाएंगे।" उन्होंने यह भी दावा किया कि 70 प्रतिशत से अधिक स्थानीय लोग परियोजना का समर्थन करते हैं क्योंकि इससे रोजगार के मौके पैदा होंगे। शिंदे ने कहा, ''हम परियोजना का विरोध करने वाले शेष 30 प्रतिशत लोगों को इसके फायदे बताएंगे।'' उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।