Edited By Rohini Oberoi,Updated: 22 Oct, 2025 12:19 PM

शरीर के अंग हमें होने वाली बीमारियों के संकेत अक्सर पहले ही देना शुरू कर देते हैं। हाल ही में हुए एक नए शोध में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि नियमित आंखों की जांच केवल दृष्टि के लिए ही नहीं बल्कि हृदय रोगों को पकड़ने में भी अत्यंत सहायक हो सकती है।
नेशनल डेस्क। शरीर के अंग हमें होने वाली बीमारियों के संकेत अक्सर पहले ही देना शुरू कर देते हैं। हाल ही में हुए एक नए शोध में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि नियमित आंखों की जांच केवल दृष्टि के लिए ही नहीं बल्कि हृदय रोगों को पकड़ने में भी अत्यंत सहायक हो सकती है।
दरअसल आंख की रेटिना में मौजूद अत्यंत पतली रक्त वाहिकाएं हमारे पूरे शरीर की रक्त वाहिकाओं की स्थिति को दर्शाती हैं। यही कारण है कि आंखों के डॉक्टर, मरीज़ को सीने में दर्द या सांस फूलने की समस्या महसूस होने से पहले ही आंखों की जांच के दौरान हृदय संबंधी बीमारियों के शुरुआती संकेत देख सकते हैं।
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आंखों की रेटिना में दिखने वाले खतरे के संकेत
आंखों की जांच के दौरान रेटिना में दिखने वाले कुछ विशिष्ट बदलाव सीधे हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक या दिल के दौरे के बढ़ते जोखिम की ओर इशारा करते हैं:
रेटिनल डैमेज: रक्त वाहिकाओं में हल्की सी क्षति भी यह संकेत देती है कि शरीर में कहीं दिल या रक्त वाहिकाओं पर दबाव है और भविष्य में हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है।

आई स्ट्रोक्स (Eye Strokes): आंख की नसों में रक्त प्रवाह (Blood Flow) कुछ देर के लिए रुक जाता है जिससे रेटिना पर छोटे-छोटे निशान (Micro-signs) रह जाते हैं। यह आँख को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण न मिलने का संकेत होता है।
नसों का टेढ़ा-मेढ़ा होना: रेटिना की रक्त वाहिकाओं का सामान्य से ज़्यादा पतला या टेढ़ा-मेढ़ा होना।
रिसाव या ब्लीडिंग: नसों से हल्का रिसाव या ब्लीडिंग होना जो ब्लॉकेज की शुरुआत का संकेत हो सकता है।

तकनीक कर रही मदद
आजकल ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी स्कैन (OCT Scan) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उन्नत तकनीकें डॉक्टरों को इन बारीक बदलावों को और भी जल्दी पहचानने में मदद करती हैं जिससे बीमारी को शुरुआती चरण में ही पकड़ा जा सके। अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थाल्मोलॉजी के डॉ. जोसेफ नेजगोदा के अनुसार, "OCT स्कैन केवल आंखों के लिए ही नहीं बल्कि हृदय और मस्तिष्क जैसी बड़ी बीमारियों का भी संकेत दे सकता है। आंख की एक तस्वीर से डॉक्टर यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कहीं दिल की बीमारी तो नहीं पनप रही।"
इन लोगों को ज़्यादा सतर्क रहना चाहिए
हालांकि नियमित आंखों की जांच सभी के लिए फायदेमंद है लेकिन कुछ विशेष स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को इस पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए:
हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) वाले लोग।
हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) वाले मरीज़।

टाइप 2 डायबिटीज के मरीज़।
धूम्रपान करने वाले या पूर्व स्मोकर्स।
जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा हो।
40 साल से अधिक उम्र वाले लोग।
चूंकि दिल की बीमारियां अक्सर धीरे-धीरे बिना लक्षण दिए बढ़ती हैं आंखों की पतली और संवेदनशील रक्त वाहिकाओं में नुकसान जल्दी दिखने लगता है इसलिए साल में एक बार आंखों की जांच कराना अब हृदय स्वास्थ्य का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है।