Edited By Radhika,Updated: 06 Oct, 2025 01:20 PM

एक रिसर्च खुलासा हुआ है कि ChatGPT जैसे AI टूल्स का अधिक इस्तेमाल लोगों को बेईमान बना सकता है। मशीनें झूठ बोलने या अनैतिक काम करने में सहज होती हैं, जबकि इंसान अपराध-बोध महसूस करता है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि AI का जिम्मेदार उपयोग ही इसे...
नेशनल डेस्क: पिछले कुछ सालों में AI ने दुनिया भर में अपनी अच्छी पकड़ बना ली है। आम लोगों से लेकर बड़ी कंपनियां तक AI टूल्स का उपयोग कर रही हैं। इस नई तकनीक के साथ कुछ नए और गंभीर जोखिम भी सामने आ रहे हैं।
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रिसर्च में हुआ चौकाने वाला खुलासा-
हाल ही में एक पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोध में बताया गया है कि ChatGPT जैसे AI टूल्स का लगातार इस्तेमाल इंसानों को अनैतिक या बेईमान व्यवहार के प्रति सहज बना सकता है। रिसर्च के अनुसार जब लोग अपने लिए किसी मशीन से झूठ बोलने या अनैतिक काम करने की रिक्वेस्ट करते हैं, तो उन्हें अपराध-बोध कम महसूस होता है। इंसानों के पास झूठ बोलने या बेईमानी से रोकने वाले mental block होते हैं, लेकिन मशीनें हर बार इसे आसानी से कर सकती हैं।

कई कामों के लिए हो रहा है AI टूल्स का उपयोग
Researcher बताते हैं कि अब लोग AI टूल्स का उपयोग कई तरह के कामों के लिए कर रहे हैं, जिससे अनैतिक व्यवहार में वृद्धि हो सकती है। यह कोई बदनीयती का मामला नहीं है, बल्कि लोग अपनी नैतिक जिम्मेदारी को कम आंकते हैं और मशीन से काम कराना आसान समझते हैं।
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पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाना होगा
विशेषज्ञों का कहना है कि AI टूल्स का सही और जिम्मेदार इस्तेमाल ही इसे सुरक्षित और लाभकारी बना सकता है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में तकनीक का दुरुपयोग अनैतिक और सामाजिक रूप से हानिकारक परिणाम ला सकता है।
सही उपयोग के लिए जागरुकता की आवश्यकता-
इस रिसर्च से साफ होता है कि AI केवल तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि इंसानी व्यवहार और नैतिकता पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसके सही उपयोग के लिए शिक्षा और जागरूकता आवश्यक है।