कोडीन-युक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति में संलिप्त लोगों को बचा रही भाजपा: अखिलेश यादव

Edited By Updated: 18 Dec, 2025 04:38 PM

bjp is protecting those involved in the illegal supply of codeine based cough

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर करोड़ों रुपये के कोडीन-युक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति में संलिप्त लोगों को बचाने का आरोप लगाया।

नेशनल डेस्क: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर करोड़ों रुपये के कोडीन-युक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति में संलिप्त लोगों को बचाने का आरोप लगाया। यादव ने सपा विधायकों की बैठक के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा के आने वाले सत्र में उठाए जाने वाले कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें कथित कोडीन और कफ सिरप रैकेट एक बड़ी चिंता का विषय था।

उन्होंने आरोप लगाया, “कोडीन युक्त कफ सिरप को लेकर चिंता सिर्फ उत्तर प्रदेश के आम लोगों तक सीमित नहीं है। यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। यह रैकेट एक प्रधान सांसद (वाराणसी) के इलाके से शुरू हुआ और इसके तार न सिर्फ पूरे देश बल्कि विदेशों तक फैले हुए हैं।” यादव ने दावा किया कि जो शुरू में कुछ करोड़ रुपये का घोटाला लग रहा था, वह अब “हजारों करोड़ रुपये” का रैकेट बनकर सामने आ रहा है, जिसके मुख्य तार सांसद के निर्वाचन क्षेत्र से सटे जिलों से जुड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा रैकेट उत्तर प्रदेश से चलाया जा रहा था।

अधिकारियों के अनुसार, नेटवर्क से जुड़े वित्तीय लेनदेन और ‘मनी ट्रेल' की जांच की जा रही है और प्रवर्तन निदेशालय भी समानांतर जांच कर रहा है। खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि कोडीन युक्त सिरप ‘शेड्यूल एच' के तहत आता है और ये सिर्फ चिकित्सक के पर्चे पर लिखे होने के बाद ही बेचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि लेकिन जब बड़ी मात्रा में बिना कागजों के इसकी आपूर्ति की जाती है तो ये कानून का उल्लंघन है। अधिकारियों ने बताया कि इसका इस्तेमाल अक्सर नशीले पदार्थों के रूप में किया जाता है।

उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और स्वापक औषधि एव मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत 28 जिलों में 128 प्रतिष्ठानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के कानून प्रवर्तन दृष्टिकोण पर निशाना साधते हुए कहा कि उच्च स्तरीय मामलों में आमतौर पर बुलडोजर तेजी से तैनात किए जाते हैं लेकिन इस मामले में कार्रवाई गायब दिख रही है। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार के बुलडोजर का चालक भाग गया है और चाबी खो गई है।”

यादव ने चयनात्मक कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य भर में 22 बड़ी बुलडोजर कार्रवाई में लक्षित लोगों में से अधिकांश पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्गों के थे। उन्होंने जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया और आरोप लगाया कि सिरप मामले की जांच के लिए बनाई गई एसटीएफ टीमों में एक ही जिले के कर्मियों का दबदबा था और वे “समझौता” कर चुके थे। यादव ने अधिकारियों पर दबाव का आरोप लगाते हुए कहा कि मतदाता सूची से मनमाने ढंग से मतदाताओं के नाम काटने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने इस काम को ‘एनआरसी' (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) करार दिया और दावा किया कि यह निर्वाचन आयोग के जरिए किया जा रहा है। सपा अध्यक्ष ने आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया। 

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