Blood Group: इस Blood Group वालों में लिवर डैमेज का खतरा अधिक, स्टडी में चौंकाने वाला दावा

Edited By Updated: 25 Nov, 2025 09:31 AM

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हम आम तौर पर अपना ब्लड ग्रुप इसलिए जानते हैं क्योंकि जरूरत पड़ने पर खून चढ़ाना हो, सर्जरी से पहले बताना हो या कोई मेडिकल फॉर्म भरना हो। लेकिन हाल के शोध एक बेहद दिलचस्प बात की ओर इशारा करते हैं—आपका ब्लड ग्रुप सिर्फ खून से जुड़ा विवरण नहीं, बल्कि यह...

नेशनल डेस्क: हम आम तौर पर अपना ब्लड ग्रुप इसलिए जानते हैं क्योंकि जरूरत पड़ने पर खून चढ़ाना हो, सर्जरी से पहले बताना हो या कोई मेडिकल फॉर्म भरना हो। लेकिन हाल के शोध एक बेहद दिलचस्प बात की ओर इशारा करते हैं—आपका ब्लड ग्रुप सिर्फ खून से जुड़ा विवरण नहीं, बल्कि यह लिवर की कुछ गंभीर बीमारियों के जोखिम के बारे में भी संकेत दे सकता है। यानी शरीर के अंदर चल रही संभावित गड़बड़ियों की पहली चेतावनी आपके ब्लड ग्रुप में ही छुपी हो सकती है।

स्टडी में क्या सामने आया?

‘Frontiers’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में 1,200 से अधिक व्यक्तियों की जांच की गई, जिनमें से 114 लोग ऑटोइम्यून लिवर डिजीज से जूझ रहे थे। डेटा ने एक पैटर्न दिखाया—

ये निष्कर्ष यह साबित नहीं करते कि ब्लड ग्रुप A वाले सभी लोग लिवर रोग के शिकार होंगे, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर जरूर हो सकता है—खासतौर पर तब, जब थकान, मांसपेशियों में कमजोरी या जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं बार-बार महसूस हों।

ऑटोइम्यून लिवर डिजीज क्या है?

यह बीमारी जीवनशैली की वजह से नहीं होती। यहां शरीर का इम्यून सिस्टम ही गलती से लिवर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।

  • Autoimmune Hepatitis में इम्यून सिस्टम सीधे लिवर की कोशिकाओं पर हमला करता है।

  • Primary Biliary Cholangitis (PBC) में लिवर के बाइल डक्ट्स प्रभावित होते हैं, जिससे बाइल जमा होने लगता है और समय के साथ सूजन, स्कार और अंततः लिवर फेलियर तक की स्थिति बन सकती है।

ब्लड ग्रुप और लिवर बीमारी का कनेक्शन कैसे जुड़ता है?

हमारा ब्लड ग्रुप दरअसल रेड ब्लड सेल्स पर मौजूद खास एंटीजन से तय होता है। यही एंटीजन लिवर से जुड़ी ऑटोइम्यून प्रक्रियाओं में भूमिका निभा सकते हैं। स्टडी में सामने आया कि जिन ग्रुप्स में ये एंटीजन कुछ खास पैटर्न में पाए जाते हैं, उनमें बीमारी के मामलों में अंतर देखने को मिला।

कौन-कौन से संकेतों पर सतर्क रहना चाहिए?

अगर आपका ब्लड ग्रुप A है, या आप किसी भी कारण से लिवर की बीमारी को लेकर चिंतित रहते हैं, तो इन शुरुआती लक्षणों को हल्के में न लें:

  • लगातार थकान

  • मांसपेशियों में कमजोरी

  • जोड़ों में दर्द

  • बिना वजह वजन घटना

  • अपच या पेट भारी रहना

लिवर को सुरक्षित रखने के आसान लेकिन असरदार तरीके

  • अल्कोहल से दूरी रखें: खासकर PBC जैसी स्थितियों में यह स्थिति तेजी से बिगाड़ता है।

  • नमक सीमित मात्रा में लें: यह पेट में पानी भरने की आशंका को कम करता है।

  • हेल्दी फूड को प्राथमिकता दें: साबुत अनाज, दालें, फल, हरी सब्जियां, नट्स और ऑलिव ऑयल लिवर-फ्रेंडली माने जाते हैं।

  • विटामिन D और कैल्शियम: PBC से पीड़ित लोग हड्डियों की कमजोरी से अधिक प्रभावित होते हैं।

  • नियमित एक्सरसाइज: इससे न केवल वजन नियंत्रित रहता है, बल्कि हड्डियां और मांसपेशियां दोनों मजबूत रहती हैं।

  • स्मोकिंग छोड़ें: धूम्रपान लिवर की क्षमता पर सीधा असर डालता है।

  • प्रीवेंटिव चेक-अप कराएं: लिवर फंक्शन टेस्ट बीमारी को शुरुआती स्तर पर पकड़ने में मदद करता है।

 

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