Edited By Parveen Kumar,Updated: 19 Dec, 2025 07:02 PM

अगर संसदीय परंपराओं का पालन किया गया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वित्त वर्ष 2026-27 के लिए आम बजट रविवार के दिन पेश कर सकती हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। साल 2017 से बजट एक फरवरी को पेश किया जाता रहा है और अगले साल इस दिन रविवार है।
नेशनल डेस्क: अगर संसदीय परंपराओं का पालन किया गया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वित्त वर्ष 2026-27 के लिए आम बजट रविवार के दिन पेश कर सकती हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। साल 2017 से बजट एक फरवरी को पेश किया जाता रहा है और अगले साल इस दिन रविवार है। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ये फैसले संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति उचित समय पर लेती है।''
बता दें कि भारत में बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश शासन काल से शुरू हुई थी। पहला केंद्रीय बजट 1860 में पेश किया गया था, जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था। यह बजट ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस बजट में टैक्स का कोई प्रावधान नहीं था, क्योंकि तब ब्रिटिश सरकार ने भारत में टैक्स व्यवस्था का संचालन अपने हिसाब से किया था। भारत की स्वतंत्रता के बाद, देश को एक मजबूत आर्थिक आधार की जरूरत थी। स्वतंत्रता के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। इसे भारत के पहले वित्त मंत्री, आर के शनमुखम चेट्टी ने प्रस्तुत किया। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, ताकि स्वतंत्रता के बाद देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में कदम उठाए जा सकें।
नरेन्द्र मोदी नीत राजग सरकार में बजट पेश करने के लिए एक फरवरी की तारीख तय की गई, ताकि एक अप्रैल को नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ बजट को लागू किया जा सके। एक अधिकारी के अनुसार, ‘‘आम बजट प्रस्तुत करने के लिए हमने तारीख तय कर रखी है। रविवार की अवधारणा तो अंग्रेजों द्वारा लाई गई है।'' साल 2017 से पहले, आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था, और संसद नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के खर्चों को पूरा करने के लिए भारत की समेकित निधि से पैसे निकालने के लिए लेखानुदान पारित करती थी। बाकी वित्तीय वर्ष के लिए बजट को बाद में संसद द्वारा मंज़ूरी दी जाती थी, जब अलग-अलग विभागों की अनुदान मांगों की संबंधित संसदीय स्थायी समितियों द्वारा जांच कर ली जाती थी।
वर्ष 2017 में, तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को आम बजट पेश करने और नए वित्तीय वर्ष शुरू होने से काफी पहले, मार्च के अंत तक इसे संसद से मंजूर करवाने की प्रथा शुरू की। संसद की बैठकें खास परिस्थितियों में रविवार को भी होने के उदाहरण हैं। 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान और 13 मई, 2012 को संसद की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए रविवार के दिन बैठकें आयोजित की गईं।