Bullet Train: बुलेट ट्रेन का अगले साल होगा जापानी ट्रेन से ट्रायल, समुद्री सुरंग का पहला सेक्शन हुआ

Updated: 15 Jul, 2025 07:02 PM

bullet train trial with japanese train will be next year

भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना में बड़ी प्रगति, अगले साल जापानी ट्रेन से होगा ट्रायल। समुद्र के नीचे बन रही सुरंग का पहला सेक्शन भी हुआ तैयार।

अनिल सागर/ नई दिल्ली। देश में पहली बुलेट ट्रेन जापानी होगी और अगले साल के अंत तक इसका ट्रायल किया जाएगा। सूरत से बिलीमोरा के बीच करीबन 50 किलोमीटर तक ट्रायल के दौरान यह ट्रेन दौड़ेगी। इसके लिए एक ट्रेन सेट भारत आएगा। वहीं बुलेट ट्रेन के दूसरे कॉरीडोर को लेकर भी भारत सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
 
बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स (बीकेसी) और ठाणे के बीच 21 किलोमीटर लंबी समुद्री सुरंग का पहले सेक्शन का ब्रेक थ्रू हो चुका है। परियोजना के अंतर्गत हाल ही में 310 किलोमीटर लंबे विशेष ऐलिवेटेड वायडक्ट बन चुका है। ट्रैक बिछाने, ओवरहेड बिजली के तारों, स्टेशनों और पुलों का निर्माण चल रहा है। महाराष्ट्र के इलाकों में देर से काम शुरू हुआ लेकिन अब यहां भी तेजी से काम चल रहा है। सिग्रलिंग, आपरेशनल, नियंत्रण प्रणालियों की खरीद का काम भी चल रहा है।

रेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, जापान में तेज़ गति वाली रेलवे लाइनों के नेटवर्क शिंकानसेन में अभी में ई-5 ट्रेनें चलाई जा रही हैं। अगली पीढ़ी की उन्नत ट्रेन ई10 हैं। जापान और भारत के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी के तहत जापान की सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में ई10 शिंकानसेन ट्रेन चलाने पर सहमति व्यक्त की है। उल्लेखनीय बात यह है कि ई10 ट्रेनें भारत और जापान में एक साथ आरंभ की जाएंगी।

जापानी शिंकानसेन तकनीक से किया जा रहा विकसित

बता दें कि बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत समूचे 508 किलोमीटर लंबे गलियारे को जापानी शिंकानसेन तकनीक से विकसित किया जा रहा है। यह गति, सुरक्षा और विश्वसनीयता के नए मानक स्थापित करेगा। साथ ही यह भारत और जापान के बीच प्रगाढ़ रणनीतिक और तकनीकी सहयोग को भी दर्शाता है। परियोजना में 15 नदी पुल पूर्ण हो चुके हैं और 4 का निर्माण अंतिम चरण में है। इसके 12 स्टेशनों में 5 बन चुके हैं और 3 का काम पूरा होने वाला है। बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स स्थित स्टेशन इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है। यह स्टेशन भूमि से 32.5 मीटर नीचे होगा जबकि इसकी नींव ऐसी तैयार की गई है कि इसके ऊपर 95 मीटर ऊंची इमारत बनाई जा सके।

इसके साथ ही मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना की सफलता भारत में भविष्य के बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का आधार तैयार कर रही है। भविष्य की इस तरह की हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है।

बता दें कि सरकार ने छह फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करवाई हैं। इसमें दिल्ली-अमृतसर, दिल्ली-बनारस, दिल्ली-बनारस-कोलकाता, चेन्नई से मैसूर , नासिक-मुम्बई, मुंबई से नागपुर और दिल्ली से अहमदाबाद के कॉरीडेार शामिल हैं।

​​​​​​​अहमदाबाद से मुम्बई के बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स के बीच बन रही 508 किमी की इस लाइन पर सफर 2.20 घंटे में पूरा होगा। इसमें दो तरह की सेवाएं होंगी प्रीमियम ट्रेन चार स्टेशन पर रुकेगी और सामान्य ट्रेन सभी 12 स्टेशनों पर रूकेंगी। यहां ट्रेन की ऑपरेशन स्पीड 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी जबकि डिजाइनिंग स्पीड 350 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

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