NEEEV Scheme: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलेंगे ₹20,000, जानिए क्या है 'NEEEV' योजना

Edited By Updated: 17 Jul, 2025 12:44 PM

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अगर आपका बच्चा दिल्ली के किसी सरकारी स्कूल में पढ़ता है, तो उसके लिए एक बड़ी खुशखबरी हैं। दिल्ली सरकार ने एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम है 'न्यू एरा ऑफ इंटरप्रिन्यूरियल इकोसिस्टम एंड विजन' (NEEEV)। इस योजना के तहत, सरकार बच्चों को छोटी उम्र से...

नेशनल डेस्क: अगर आपका बच्चा दिल्ली के किसी सरकारी स्कूल में पढ़ता है, तो उसके लिए एक बड़ी खुशखबरी हैं। दिल्ली सरकार ने एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम है 'न्यू एरा ऑफ इंटरप्रिन्यूरियल इकोसिस्टम एंड विजन' (NEEEV)। इस योजना के तहत, सरकार बच्चों को छोटी उम्र से ही उद्यमी (बिजनेसमैन) बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए, कुछ प्रोजेक्ट वर्क करने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से ₹20,000 तक की आर्थिक मदद मिलेगी।

NEEEV योजना क्या है?
NEEEV योजना का मुख्य मकसद स्कूल के बच्चों को नया सोचना, समस्याओं का समाधान ढूंढना और आत्मनिर्भर बनना सिखाना है। यह योजना इस मौजूदा स्कूल सत्र में 8वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों पर लागू होगी। यह सिर्फ किताबों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चों को असल जिंदगी में बिज़नेस करना सिखाएगी।

NEEEV क्यों है खास?
NEEEV की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बच्चों को उद्यमी बनने की खास ट्रेनिंग देगी। शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों को इस योजना की पूरी जानकारी भेजी है। उन्होंने प्रिंसिपलों से कहा है कि वे अपने स्कूल में एक NEEEV स्कूल प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर चुनें। यह कोऑर्डिनेटर स्कूल के शिक्षकों में से ही होगा और स्कूल में होने वाली सभी गतिविधियों का ध्यान रखेगा।

हर हफ्ते तय शिक्षकों द्वारा खास क्लास ली जाएंगी। इन क्लास में बच्चों को खुद करके सीखने (Learning by Doing) पर जोर दिया जाएगा। इसमें बच्चों को सिखाया जाएगा कि उद्यमी बनने के लिए ज़रूरी बातों को असली दुनिया में कैसे इस्तेमाल करें।

NEEEV में होंगी ये 4 मुख्य चीज़ें:
NEEEV डायलॉग: इसमें जाने-माने उद्यमी और बिज़नेस के जानकार लोग बच्चों से बात करेंगे। इससे बच्चों को सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
स्टार्टअप स्टॉर्मर्स: यह कई चरणों वाली एक प्रतियोगिता होगी। इसमें बच्चे अपने नए बिज़नेस आइडिया सोचेंगे, उन्हें दूसरों के सामने रखेंगे और फिर उन पर काम भी करेंगे।
ऐसे मिलेगा फंड: जिन छात्र समूहों के आइडिया चुने जाएंगे, उन्हें अपने नए आइडिया (प्रोटोटाइप) बनाने या अपना बिज़नेस शुरू करने के लिए हर प्रोजेक्ट पर ₹20,000 की आर्थिक मदद मिलेगी।
उपकरण भी मिलेंगे: जिन स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब (ATLs) हैं, वहां बच्चों को 3D प्रिंटर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) किट, AI और रोबोटिक्स से जुड़े सामान और विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित (STEM) सीखने के तरीके जैसे आधुनिक उपकरण भी मिलेंगे।


योजना को कैसे लागू किया जाएगा?
NEEEV को अच्छे से लागू करने के लिए हर स्कूल में एक स्कूल इनोवेशन काउंसिल (SIC) बनाई जाएगी। इसकी अगुवाई स्कूल के प्रिंसिपल या हेड करेंगे। इसके अलावा, बेहतर तालमेल और निगरानी के लिए जिले और जोन स्तर पर भी इनोवेशन काउंसिल बनाई जाएंगी। हर जोन और जिले में कुछ खास नोडल स्कूल भी चुने जाएंगे।

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