Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Jun, 2020 04:02 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘सत्ता की भूखी’ कांग्रेस सरकार ने 45 साल पहले आज ही के दिन लोगों से उनके अधिकार छीन लिए थे और आज लोकतंत्र की बात करने की कांग्रेस की हिम्मत समझ से बाहर है। सीतारमण ने 25 जून 1975 को लगे आपातकाल...
नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘सत्ता की भूखी’ कांग्रेस सरकार ने 45 साल पहले आज ही के दिन लोगों से उनके अधिकार छीन लिए थे और आज लोकतंत्र की बात करने की कांग्रेस की हिम्मत समझ से बाहर है। सीतारमण ने 25 जून 1975 को लगे आपातकाल को याद करते हुए कहा कि यह ‘‘सत्ता की भूखी कांग्रेस पार्टी’’ द्वारा लागू किया गया था और उसने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के आगे एक बड़ी चुनौती उत्पन्न की थी। आपातकाल 21 मार्च 1977 तक चला था।
भाजपा की तमिलनाडु पार्टी इकाई के कार्यकर्त्ताओं को ऑनलाइन रैली में संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि लोगों के अधिकार पूरी तरह छीन लिए गए। कांग्रेस पार्टी ने ऐसा क्यों किया? यह सत्ता की लालसा थी। कानून तोड़ा गया और आपातकाल की घोषणा की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान अनेक अत्याचार किए गए और विपक्ष के कई बड़े नेताओं को जेल में डाला गया। दिवंगत मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार बर्खास्त कर दी गई। द्रमुक नेता मेयर चिट्टीबाबू जेल में यातनाएं नहीं झेल पाए और और उन्होंने दम तोड़ दिया। सीतारमण ने पूछा कि द्रमुक को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाने का क्या अधिकार है?