क्लास 9th से क्यों? Sex Education को छोटी उम्र से ही सिलेबस का हिस्सा बनाएं : Supreme Court

Edited By Updated: 09 Oct, 2025 04:50 PM

court leaves puberty education decision to authorities

यौन शिक्षा यानि की सेक्स एजुकेशन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए पाठ्यक्रम पर असहमति जताई है।

नेशनल डेस्क: यौन शिक्षा यानि की सेक्स एजुकेशन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए पाठ्यक्रम पर असहमति जताई है। कोर्ट ने कहा कि यौन शिक्षा को छोटी उम्र से ही सिलेबस का पार्ट बनाया जाए न कि इसे कक्षा 9 से 12 तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।

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कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने एक Additional Affidavit दायर किया। इसमें बताया गया कि यौन शिक्षा कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा है, और यह पाठ्यक्रम NCERT के निर्देशों के अनुरूप है।

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कोर्ट ने अधिकारियों पर छोड़ा सुधार का जिम्मा

पाठ्यक्रम की इस समय-सीमा से कोर्ट सहमत नहीं हुआ। कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण विषय पर आवश्यक और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए अधिकारियों पर ही फैसला छोड़ दिया।

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न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा

'संबंधित अधिकारियों को अपने विवेक का प्रयोग करके सुधारात्मक उपाय करने चाहिए, ताकि बच्चों को Puberty के बाद होने वाले परिवर्तनों और उनसे संबंधित देखभाल और सावधानियों के बारे में जानकारी मिल सके।' कोर्ट ने ज़ोर दिया कि बच्चों को उनके शारीरिक विकास और उससे जुड़ी सावधानियों के बारे में सही जानकारी सही समय पर मिलना बेहद ज़रूरी है।

 

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