Edited By Radhika,Updated: 09 Oct, 2025 03:45 PM

बीते दिनों देश में कफ सिरफ पीने से हुई बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद से स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इन मौतों का कारण सिरप में खतरनाक केमिकल डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मौजूदगी पाई गई थी, जो मानक सीमा से लगभग...
नेशनल डेस्क : बीते दिनों देश में कफ सिरफ पीने से हुई बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद से स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इन मौतों का कारण सिरप में खतरनाक केमिकल डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मौजूदगी पाई गई थी, जो मानक सीमा से लगभग 500 गुना अधिक पाया गया। सबसे पहले Coldrif सिरप में यह ज़हरीला केमिकल मिला, जिसके बाद उसे बैन कर दिया गया। अब Respifresh और RELIFE सिरप में भी यही जहरीला पदार्थ पाया गया है। इस गंभीर मामले पर WHO ने विस्तार से कारण बताए हैं कि भारत में ये मौतें क्यों हुई और यह केमिकल क्या नुकसान पहुंचा सकता है।
सिरप में कैसे पहुंचा ज़हरीला केमिकल?
WHO के अनुसार भारत में कफ सिरप से मौतों का मुख्य कारण दवा के लिए ज़रूरी टेस्ट में गंभीर कमी है।
- कानून की अनदेखी: कानून के तहत दवा के हर बैच का टेस्ट करना अनिवार्य है, लेकिन हालिया फैक्ट्री जाँच में इस नियम की गंभीर चूकें पाई गईं।
- तीन कंपनियों की सिरप: Sresan Pharmaceutical (Coldrif), Shape Pharma और Rednex Pharmaceuticals की सिर्फ राज्य में बेची गई सिरप में मानक कमी पाई गई। इन तीनों कंपनियों को उत्पादन और बिक्री रोकने का आदेश दिया गया है।
- पुलिस जाँच: Coldrif सिरप बनाने वाली फैक्ट्री बंद है और पुलिस 'मैनस्लॉटर' (गैर इरादतन हत्या) की जाँच कर रही है।
- बिक्री: WHO ने बताया कि ये तीनों सिरप अभी तक केवल भारत में ही बेचे गए थे। इनका कोई आधिकारिक निर्यात नहीं हुआ है। WHO ने अनौपचारिक रूप से विदेशों में भी इनके जाने की आशंका जताते हुए चेतावनी जारी की है।
DEG केमिकल से क्या नुकसान होता है?
स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) एक गंभीर ज़हर है, जो मानव शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इससे दवाई पीने वाले को किडनी फेल्योर, न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स (तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं) जैसी तकलीफें हो सकती हैं। इसके अलावा पीड़ित की सीधी मौत तक भी हो सकती है।
भारत के दवा उद्योग के लिए झटका
यह घटना भारत के दवा उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि भारत दुनिया में दवा बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर है और इसकी निर्यात क्षमता बहुत बड़ी है।
- अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली 40% जेनेरिक दवाइयाँ भारत से आती हैं।
- कई अफ्रीकी देशों की दवा का 90% हिस्सा भी भारत से आता है।
WHO और भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी माता-पिता को बच्चों के लिए कफ और ठंड की दवाओं के इस्तेमाल से बचने की सख्त सलाह दी है।