Edited By Rahul Rana,Updated: 17 Aug, 2025 08:50 PM

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी...
नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक में सभी सहयोगी दलों से विचार-विमर्श के बाद राधाकृष्णन के नाम पर सहमति बनी।
जेपी नड्डा ने क्या कहा?
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा, "एनडीए की संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई नामों पर विचार हुआ। सभी पहलुओं पर गहन मंथन और सहयोगियों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि हमारे उम्मीदवार महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन होंगे।"
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन, जिनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ, एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और प्रशासक हैं। वे मूलतः कृषक परिवार से आते हैं और छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं। महज 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और आरएसएस एवं जनसंघ जैसे संगठनों से जुड़े।
राधाकृष्णन ने 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में कोयंबतूर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दोनों बार भारी बहुमत से विजयी हुए। वे 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 93 दिनों की रथ यात्रा निकाली, जिसमें उन्होंने नदियों को जोड़ने, अस्पृश्यता उन्मूलन और आतंकवाद के विरुद्ध अभियान जैसे अहम मुद्दों पर जनजागरण किया।
लंबा प्रशासनिक अनुभव
सीपी राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उन्होंने यह पद 31 जुलाई 2024 को संभाला था। इसके पहले, उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में सेवा दी। साथ ही, मार्च 2024 से जुलाई 2024 के बीच उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था।