Edited By Radhika,Updated: 10 Dec, 2025 02:49 PM

उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं काफी तेज़ी से चल रही हैं। ऐसी संभावना है कि BJP अपने संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में है। मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद BJP इसी हफ्ते नए नाम का ऐलान...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं काफी तेज़ी से चल रही हैं। ऐसी संभावना है कि BJP अपने संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में है। मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद BJP इसी हफ्ते नए नाम का ऐलान कर सकती है।
ये भी पढें- Apple Store Noida: नोएडा में इस दिन खुलेगा Apple Store, सामने आई तस्वीरें, ओपनिंग से पहले देखें लुक
अध्यक्ष चुनाव को लेकर तेज़ हुईं चर्चाएं
BJP ने मंगलवार को अपने संगठनात्मक 84 जिलों के लिए 327 प्रदेश परिषद सदस्यों की सूची घोषित कर दी है। इस सूची को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। ये प्रदेश परिषद सदस्य ही नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में वोटर की भूमिका निभाते हैं। इसलिए इनकी सूची जारी होना चुनावी प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत है। माना जा रहा है कि पार्टी 16 दिसंबर को खरमास शुरू होने से पहले ही नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी कर देना चाहती है। यह बदलाव 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए संगठन को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।
ये भी पढ़ें- Hardik Pandya Mahieka Sharma Relation: Hardik Pandya ने महिका संग Confirm किया अपना रिलेशन
गैर-यादव OBC चेहरे पर दांव लगाने का प्लान
सूत्रों के अनुसार BJP उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान OBC समुदाय के किसी नेता को सौंप सकती है। चर्चा है कि पार्टी इस बार गैर-यादव ओबीसी चेहरे पर दांव खेलेगी। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में ओबीसी नेताओं के नाम प्रमुखता से योगी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति का नाम सामने आ रहा है।
पार्टी के इस कदम को समाजवादी पार्टी के 'PDA' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले की काट के रूप में देखा जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में SP की पीडीए राजनीति से BJP को झटका लगा था। गैर-यादव ओबीसी को अध्यक्ष बनाकर BJP 2017 की अपनी सफल सियासी रणनीति को दोहराना चाहती है, जिसका मुख्य लक्ष्य OBC के बड़े वोटबैंक को साधना है।