गाजा में नया संकट: खतरनाक बीमारी ने मचाया कहर, डॉक्टर भी नहीं कर पा रहे इलाज

Edited By Updated: 19 Aug, 2025 04:14 PM

dangerous disease creates havoc even doctors are unable to

गाजा में हालात दिन-ब-दिन और भी भयावह होते जा रहे हैं। यहाँ के लोग सिर्फ भुखमरी और युद्ध से ही नहीं, बल्कि एक खतरनाक बीमारी से भी जूझ रहे हैं, जिसका नाम है 'एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस'। यह एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों में लकवे जैसी स्थिति पैदा कर रही है...

नेशनल डेस्क: गाजा में हालात दिन-ब-दिन और भी भयावह होते जा रहे हैं। यहाँ के लोग सिर्फ भुखमरी और युद्ध से ही नहीं, बल्कि एक खतरनाक बीमारी से भी जूझ रहे हैं, जिसका नाम है 'एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस'। यह एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों में लकवे जैसी स्थिति पैदा कर रही है और डॉक्टरों के पास इसका इलाज करने के लिए भी पर्याप्त साधन नहीं हैं।

क्या है यह बीमारी और क्यों फैल रही है?
'एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस' एक दुर्लभ सिंड्रोम है, जिसमें अचानक मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और मरीज को सांस लेने और खाना निगलने में दिक्कत होने लगती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बीमारी मुख्य रूप से गंदे पानी और खराब सीवेज व्यवस्था के कारण फैल रही है। गाजा पर लगातार हुई बमबारी की वजह से वहाँ की स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है।

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आंकड़े कर रहे हैं हैरान
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से पहले यह बीमारी बेहद दुर्लभ थी और सालाना सिर्फ 12 मामले सामने आते थे, लेकिन पिछले तीन महीनों में करीब 100 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से ज़्यादातर मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों में पाए गए हैं, जो कुपोषण के शिकार हैं। लैब जांच में 'एंटरोवायरस' की पुष्टि हुई है, जो संक्रमित पानी से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी माना है कि गाजा में स्वास्थ्य सेवाओं के ध्वस्त होने, कुपोषण और गंदगी की वजह से इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

इलाज के लिए पर्याप्त साधन नहीं
सबसे बड़ी चिंता यह है कि गाजा में इस बीमारी का इलाज लगभग असंभव है। इस बीमारी के लिए इंट्रावेनस इम्युनोग्लोब्युलिन (IVIG) और प्लाज़्मा एक्सचेंज जैसे आधुनिक इलाज की ज़रूरत होती है, लेकिन इजराइल की नाकाबंदी के चलते गाजा के अस्पतालों में ये दवाइयां और उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इलाज की कमी के कारण कई बच्चे स्थायी रूप से लकवे का शिकार हो गए हैं, और कुछ की जान भी जा चुकी है।
 

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