जब गुजरात के सीएम थे PM मोदी, तब से उनकी शिंजो आबे के साथ गहरी दोस्‍ती...बनारस में एक साथ की थी गंगा आरती

Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Jul, 2022 03:45 PM

deep friendship with shinzo abe since modi was the cm of gujarat

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का शुक्रवार को निधन हो गया। उन पर शुक्रवार सुबह एक हमलावर ने उस समय गोलियां चलाई थीं जब वे एक चुनावी कार्यक्रम में अपना भाषण दे रहे थे।

नेशनल डेस्क: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का शुक्रवार को निधन हो गया। उन पर शुक्रवार सुबह एक हमलावर ने उस समय गोलियां चलाई थीं जब वे एक चुनावी कार्यक्रम में अपना भाषण दे रहे थे। आबे को दो गोलियां लगी थीं, जिसके तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। कई घंटों की मशक्कत के बावजूद डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके।

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67 साल के शिंजो आबे पर हमला पश्चिमी जापान के नारा शहर में किया गया था। पीएम मोदी अपने अजीज दोस्त के निधन की खबर से गहरे शोक में है। पीएम मोदी अक्सर कई मौकों पर कहते थे कि आबे के साथ उनकी काफी गहरी दोस्ती है। इसी साल मई महीने में पीएम मोदी जब टोक्यो के दौरे पर गए थे तो उन्होंने शिंजो आबे से खास मुलाकात की थी।

 

पुराना है दोनों नेताओं का याराना

भारत सरकार ने शिंजो आबे को साल 2021 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। पद्म विभूषण सम्मान भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। पीएम मोदी और शिंजो की दोस्ती काफी पुरानी है। आबे और नरेंद्र मोदी की दोस्ती तब से है जब वे भारत के प्रधानमंत्री भी नहीं बने थे। साल 2007 में शिंजो आबे की पहली बार नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई तब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद इन दोनों नेताओं की मुलाकात साल 2012 में हुई। 26 जनवरी 2014 को जब शिंजो आबे बतौर चीफ गेस्ट गणतंत्र दिवस समारोह में भारत आए थे तब प्रोटोकॉल के तहत वो नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं कर सके लेकिन पीएम मोदी शिंजो आबे से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे थे।

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दोस्त शिंजो आबे को कराई थी बनारस की सैर

शिंजों आबे के निधन की खबर से सभी तरफ शोक की लहर है। लोग उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। सारनाथ स्थित जापानी मंदिर पर मौन सलामी दी गई। आज शाम गंगा आरती में भी शिंजो आबे को श्रद्धांजलि दी जाएगी। प्रधानमंत्री रहते हुए जब शिंजो आबे भारत आए थे तो पीएम मोदी ने उन्हें 12 दिसंबर 2015 को वाराणसी के दर्शन करवाए थे। दोनों प्रधानमंत्रियों ने दशाश्वमेध घाट पर गंगाजल हाथ में लेकर विश्व की मंगलकामना का संकल्प लिया था। दोनों ने मढ़ी में बैठकर एक घंटे से अधिक गंगा आरती देखी थी। शिंजों की यह यात्रा भारत की विदेश नीति का अहम हिस्सा थी, जिसने दुनिया की महाशक्तियों को अपना एहसास दिलाया था।

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भारत जापान की दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर

भारत-जापान की वर्षों से चली आ रही मैत्री के प्रतीक रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर की नींव 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखी थी। सेंटर को सांस्कृतिक व आधुनिक समागम के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। 186 करोड़ की लागत से तैयार सेंटर शिवलिंग के आकार में निर्मित है। कंवेंशन सेंटर में जापानी और भारतीय दोनों ही प्रकार की वास्तुशैलियों का संगम दिखता है। रुद्राक्ष कन्वेंशन की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कारपोरेशन कंपनी ने किया है। अपने कार्यकाल के दौरान शिंजो आबे ने सबसे ज्यादा दौरा भारत का ही किया है। शिंजो आबे भारत की संस्कृति से काफी प्रभावित थे और वे हमेशा खुद को भारत के बेहद करीब मानते थे।

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